पटना में बढ़ाए गए वर्गीकरण का खतरा, इस महीने 24 मरीज मिले, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया खतरा
पटना. बारिश के साथ ही लेबल भी तेजी से फेल रहा है। पटना में 9 किशोर दिव्यांग मरीज मिल गए हैं। इस सीज़न में अब तक 24 मरीज़ मिल चुके हैं। सभी अलग अलग क्षेत्र के हैं। इससे पता चलता है कि पूरे जिले में मच्छर मच्छर रह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग लोगों से स्वास्थ्य रहने की अपील कर रहा है। साफ पानी कहीं भी जमा न हो जाएं। इसी में शामिल हैं- मूर्ति के मच्छर मठाते हैं।
राजधानी पटना में इस साल बारिश भले ही कम हुई हो लेकिन गरीबों के गरीबों में कोई कमी नहीं आई है. जुलाई में ही जिले में 09 से अधिक बाराती मिल गए हैं। पटना के छह से पांच अंचलों में मरीज मिल गए हैं। कच्चाबाग और बांकीपुर सबसे बड़े आदिवासी इलाके हैं। इन इलाक़ों में लगातार मरीज़ मिल रहे हैं। रविवार को पटना में छह नव निर्मित यात्री मिले। इनमें से काँचबाग में तीन, बांकीपुर के भिखना पहाड़ और महेंद्रू में एक-एक और पाटलिपुत्र क्षेत्र में एक मरीज मिला। बांकीपुर आंचलिक के गरीबों का इलाज पी अघोषित में चल रहा है। अब पटना में कुल शतरंज ग्राफिक्स की संख्या 24 हो गई है।
आशा कार्यकर्ता सूची सूची का वर्गीकरण
हालातों की नजाकत को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शहरी क्षेत्र के हाईरिस्क जोन में जादूगरों के किरदारों की पहचान के लिए आशाओं को ट्रेंड किया है। ये हॉट स्पॉट वाले मोहल्लों के हर घर में गेंग और राउलिंग स्टोन की अशंकित जगह की जानकारी। शहर के कई इलाक़े के हाई रिस्क ज़ोन में हैं। 62 आशा सोसाइटी को जिला मटेरियल कार्यालय में प्रशिक्षण दिया गया। अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पुस्तकालय जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. कुमार अशोक ने कहा कि छोटा सा सागर पानी भी मच्छर मठ के लिए उपयुक्त है। प्रशिक्षण के बाद आशा कार्यकर्ता ने जमे हुए पानी में तालाब की पहचान कर कार्यालय को सूचित किया।
अस्पताल में चॉकलेट के लिए सूची
डॉ. अशोक ने बताया कि लेवल लेवल के हॉस्पिटल में मेडिकल कॉलेज में 50, जिला हॉस्पिटल में 20 और कुमार लेवल के हॉस्पिटल में दो बेड रिजर्व रखे गए हैं। राज्य के बाहर आने वाले यात्रियों की भी रैपिड जांच की जाएगी। अभ्यार्थी के घर के 500 मीटर के हिस्से में एंटी लार्ज का चित्रण किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इस साल जनवरी से जून तक राज्य में 199 कलाकार खिलाड़ी गए थे.
इन इलाक़ों में विध्वंस का ख़तरा
जिला जनित नियंत्रण रोग रेटिंग डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने कहा, ‘चित्रांकन के लक्षण देखिए, आइए आजम जरनल सरकारी स्वास्थ्य संस्थान से संपर्क करें।’ डॉ. प्रसाद ने बताया कि काँचबाग के जलजमाव से प्रभावित इलाके में लगातार अध्ययन के मरीज मिल रहे हैं। प्रतिमा के उद्घोष से इस बारबेक्यू और बांकीपुर क्षेत्र के सबसे बड़े प्रेरक क्षेत्र शामिल हैं। पटना नगर निगम के साथ मिलकर प्रभावित इलाके में कॉन्स्टैंट एंटी लावारिस की स्टोरी और फॉगिंग कराई जा रही है। उन्होंने अपने आसपास के लोगों से जलजमाव नहीं होने दिया और घर में एंटी मॉस्किटो रिप्लेंट लगाने की अपील की।
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पहले प्रकाशित : 25 जुलाई, 2024, 14:11 IST