पंजाब

नीति आयोग की बैठक से अचानक पीछे हटी AAP, कल तक भगवंत मान कर रहे थे तैयारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से पंजाब सरकार ने भी मना कर दिया है। कांग्रेस की सत्ता वाले तीन राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से पहले ही मना कर दिया है। इसके अलावा इस बैठक में इसके अलावा इंजीनियरिंग पेशेवरों को भी शामिल नहीं किया जाएगा।

पंजाब में आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब सरकार ने नीति आयोग की बैठक में कोई भी फैसला शामिल नहीं किया है। पार्टी इंडिया गठबंधन का सहयोगी है, इसलिए वह भी गठबंधन के घटक के रूप में निर्णय के साथ होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवन्त मान नीति आयोग की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे।

आपके प्रवक्ता ने कहा कि वो इंडिया अलायंस के साथ बने हुए हैं। जब गठबंधन ने नीति आयोग की बैठक में दूर रहने का निर्णय लिया तो पंजाब के सीएम भी दूर चले गए। गठबंधन से भिन्न दृष्टिकोण का कोई मतलब नहीं है।

छोटी मंशा से राजनीति कर रही मोदी सरकार
आप सर्जनात्मक संगठन डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन होता कुछ नहीं। बैठक में केवल किसी राज्य को पीछे छोड़ने और किसी राज्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार छोटी साज़िश से राजनीति कर रही है। हमें सरकार को जगाने की जरूरत है। उन्हें बताया कि आप गलत कर रहे हो।

कल तक चल रही थी पार्ट
कल शाम तक पंजाब सरकार 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक के लिए मुख्यमंत्री के भाषण की अध्यक्षता में हुई थी। मुख्यमंत्री की बैठक में केंद्र के सहयोगियों द्वारा 10 हजार करोड़ रुपये की उपज बढ़ायी गयी। जिसमें ग्रामीण विकास फंड और मंडी विकास फंड के करीब 6,767 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत मान की बैठक में शामिल नहीं होने के फैसले के साथ ही सीएम कार्यालय में भी उन्हें शामिल किया गया है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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