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झाड़ फूंक या ओझा के चक्कर में नहीं पड़ें, सांप काटने पर पहुंचे यहां, बच जाएगी जान

गुमला. गुमला में बारिश का मौसम आते ही सर्प दंश की घटना बढ़ने लगती है. इस वर्ष भी जिले में सर्प दंश के कई मामले देखने को मिल रहें हैं. सर्प दंश के कारण कई लोगों की जान भी चली गई और कई लोग गंभीर भी हैं. यहां की अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है. गांव में सर्प दंश की घटना ज्यादा देखने को मिलती है. इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन भी प्रयत्नशील है.

सिविल सर्जन गुमला डॉ.राजू कच्छप ने बताया कि सर्प दंश के कारण किसी को जान नहीं गंवानी पड़े. इसके लिए जिले के सभी सीएचसी केंद्रों में प्रचुर मात्रा में एंटी स्नेक वेनम दवाई उपलब्ध कराई गई है. वहीं जिले वासियों से अपील है कि यदि किसी व्यक्ति को सांप काट लें तो बिना विलंब किए, उन्हें तुरंत अपने नजदीकी सीएचसी केंद्र में ले जाए ताकि मरीज की जान बचाई जा सके.

जिले के स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों में उपलब्ध है एंटी स्नेक वेनम
रेफरल अस्पताल गुमला में कुल 100 एंटी स्नेक वेनम की दवाई उपलब्ध है. इसी प्रकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र भरनो में 15, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर में 72, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर में 100, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी में 20, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र घाघरा में 50, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र कामडारा में 50, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र पालकोट में 20,सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र रायडीह में 20, रेफरल अस्पताल सिसई में 150 एवं जिला अस्पताल में 135 एंटी स्नेक वेनम की दवाई उपलब्ध है.

सांप कांटने के बाद तुरंत पहुंचे यहां
सिविल सर्जन गुमला डॉ.राजू कच्छप ने कहा कि पूरे जिले वासियों से अपील है कि यदि किसी को सांप काटे या आपके आस पास सर्प दंश की घटना देखने को मिले. तो आप अपने किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मरीज को ले जाएं. उनका इलाज कराएं. झाड़ फूंक, ओझा मती जैसे अंधविश्वास के चक्कर में न पड़े. इससे मरीज का जो कीमती समय है वह बर्बाद होता है. ज्यादा देर करने से मरीज का जान बचाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए अंधविश्वास से बचें. मरीज को समय रहते अस्पताल अवश्य लेकर आएं.

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