कंट्रोल से बाहर आया डायबिटीज तो फट सकती हैं नसें, इससे पहले ही कर लें शुगर को मैनेज, डॉक्टर से जान लें तरीके
मधुमेह का प्रबंधन कैसे करें: डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन कम बनता है या बनता ही नहीं है या इंसुलिन रेजिस्ट हो जाता है. चूंकि इंसुलिन ही शुगर को पचाता है और इससे एनर्जी बनती है. इसलिए जब इंसुलिन की कमी होती है तो खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. यह ऐसी बीमारी है जिसमें शुरुआत में बिल्कुल भी पता नहीं चलता. इस स्थिति में यदि ब्लड शुगर कंट्रोल से बाहर हो गया तो यह शुगर शरीर की नसों को भी डैमेज करने लगता है. इस बीमारी को डायबेटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) कहते हैं. इसमें मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में नर्व डैमेज होने लगती है. लगभग 50 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों को नर्व डैमेज होने की समस्या होती है. इसलिए समय पर डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. ऐसी स्थिति आए ही नहीं, इसके लिए न्यूज 18 ने मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव के डॉ. पारस अग्रवाल से बात की.
नर्व डैमेज से पहले शरीर में मिलने लगते हैं ये संकेत
मायो क्लिनिक के मुताबिक चार तरह के डायबेटिक न्यूरोपैथी की बीमारी होती है जिनमें कमोबेश एक ही तरह के लक्षण दिखते हैं. डायबेटिक न्यूरोपैथी के लक्षण सबसे पहले हाथ और पैर की नसों में देखने को मिलता है. इस कारण हाथ और पैर पहले से सुन्न होने लगता है. सबसे पहले हाथ में सुन्नापन आता है. हाई ब्लड शुगर के कारण खून की छोटी-छोटी नलिकाओं की दीवाल कमजोर होने लगती है. इसलिए इसके कहीं भी रिसने का डर रहता है. जिससे ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों का अंगों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.
डायबिटीज से बचने के 7 सिंपल सूत्र
1. फिजिकल एक्टिविटी-डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि सबसे पहले हर वयस्क इंसान को अपने जीवन में नियमित रूप से एक्सरसाइज को शामिल कर लेना चाहिए. एक्सरसाइज के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है बल्कि इसके लिए ब्रिस्क एक्सरसाइज ही काफी है. यानी तेजी के साथ वॉक, साइक्लिंग, स्विमिंग, डांस, रस्सी कूद, हाई जंप, लॉन्ग जंप जैसी गतिविधियां यदि आप आधे से पौन घंटे तक करते हैं तो डायबिटीज होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. इतना ही नहीं इससे कई और बीमारियां भी नहीं होंगी.
2. हेल्दी डाइट-डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया हेल्दी डाइट से पहले यह समझ लें कि क्या न खाएं. पिज्जा, बर्गर, तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड, जंक फूड, पैकेटबंद चीजें, प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, ज्यादा मीठी चीजें, ज्यादा नमकीन चीजें, शराब, सिगरेट का सेवन जितना कम करेंगे, उतना ही डायबिटीज को होने का खतरा कम होगा. इसके साथ ही हेल्दी भोजन करें. जिस भोजन को शुद्ध रूप से कुदरती तरीके से पकाया गया हो और इसमें तेल, नमक का कम इस्तेमाल किया गया हो. जितना हो सके, सीजनल हरी सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, एंटीऑक्सीडेंट्स वाले कलरफुल सब्जी और फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए.
3. पर्याप्त पानी-रोजना पर्याप्त पानी पीना न सिर्फ आपको डायबिटीज से बचा सकता है बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचा सकता है. इसलिए रोजाना पर्याप्त पानी पीएं. हालांकि कितना पानी पीया जाए इसका कोई तय पैमाना नहीं है. लेकिन आप दिन भर में दो लीटर पानी पीएं.
4. वजन कम करें-डायबिटीज न हो, इसके लिए हर हाल में वजन कम करें. क्योंकि मोटापा के कारण डायबिटीज भी हो सकता है. ज्यादा वजन कई बीमारियों की जड़ है. इसलिए हर हाल में वजन कम करें. अगर एक्सरसाइज, नियंत्रित खान पान से वजन कम नहीं हो रहा है तो एक्सपर्ट की सलाह लें. वजन कम करना न कोई मैजिक है और न ही यह एक-आध महीने में होने वाला है. इसके लिए एक साथ कई चीजों को मैनेज करना पड़ता है.
5. सिगरेट-शराब- सिगरेट, शराब न सिर्फ डायबिटीज बल्कि कई घातक बीमारियों को बढ़ाता है. इसलिए जितना संभव हो सके अल्कोहल का सेवन न करें. सिगरेट तो पीएं ही नहीं या किसी भी तरह के तंबाकू वाली चीजों का सेवन न करें.
6. स्ट्रैस मैनेजमेंट-तनाव शरीर में 1600 से ज्यादा केमिकल रिएक्शन को प्रभावित करता है. जैसे ही तनाव वाला कॉर्टिसोल हार्मोन ज्यादा रिलीज होने लगता है तो यह मेटाबोलिज्म को बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए तनाव को भगाने के लिए योगा, मेडिटेशन, वॉकिंग, रनिंग आदि का सहारा लें.
7. पर्याप्त नींद ले-हर तरह की बीमारी से बचने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है. यदि रात में सुकून भरी नींद नहीं आएगी तो कई तरह की मुश्किलें होंगी. नींद कम आने के कारण डायबिटीज भी हो सकता है.
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पहले प्रकाशित : 29 जुलाई, 2024, 09:35 IST