बिहार

गजब की है इस शख्स की कहानी, दो नहीं 300 से ज्यादा लोगों की जान-कहानी-इस शख्स-की-कहानी-इसने-नहीं-नहीं-की-जान बचाई -एक-दो-लेकिन-300-से-ज़्यादा-लोग

छपरा : यह कहानी छपारा जिले के रिविलगंज खंड अंतर्गत दिलिया रहीमपुर निवासी अशोक कुमार की है, जो एक संस्था के रूप में जाते हैं। अशोक कुमार ने 10 साल की उम्र में गंगा में डूबे लोगों को बचाने का काम शुरू किया और अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उनके इस अनूठे कार्य को देखकर जिला प्रशासन ने उन्हें प्रशिक्षण दिया, जिसमें जिले और युवा भी शामिल हुए। अब प्रशासन उन्हें गंगा स्नान या बाढ़ के समय पर छूट देता है, जहां हर साल वे कई जरूरतमंद लोगों की जान बचाते हैं।

अशोक कुमार ने बताया कि उनका घर सरयुग नदी के तट पर है, जहां उनके साथियों ने उन्हें तैरना सिखाया था। 10 साल की उम्र में ही उन्होंने एक डूबे हुए बच्चे का शव निकाला और तब से लेकर आज तक 35 साल की उम्र में लोग जान बचाने का काम कर रहे हैं।

हालाँकि, तीन साल से जिला प्रशासन अशोक कुमार और उनकी टीम से काम तो ले रही है, लेकिन उन्हें समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है और न ही व्यावसायिक नौकरी दी जा रही है। इससे अशोक कुमार और उनकी टीम के सदस्य बहुत दुखी हैं। वे किसी तरह से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन को उनकी मजबूरी समझ में नहीं आ रही है।

अशोक ने बताया कि गंगा तट पर उनके घर में बार-बार पानी घुस जाता है, जिससे उन्हें और कुमार को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, वे स्वयं उत्पीड़न में भी लोगों की जान बचाने का कार्य जारी कर रहे हैं।

अशोक की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश यह भी है कि कैसे कठोर प्रशांत कुमार भी मानव की सेवा में जा सकते हैं। प्रशासन को उनके काम का सही आकलन करना चाहिए और उन्हें सम्मान एवं सहायता प्रदान करनी चाहिए।

टैग: बिहार के समाचार, छपरा समाचार, लोकल18

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *