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तेजी से फैल रहा लंग कैंसर, स्मोकिंग न करने वालों को भी खतरा, डॉक्टर से जानें 5 सबसे बड़े कारण

फेफड़ों के कैंसर के बारे में सब कुछ: कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन वर्तमान समय में लंग कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. फेफड़ों के कैंसर का खतरा स्मोकिंग करने वाले लोगों को ज्यादा होता है, लेकिन इन दिनों अत्यधिक एयर पॉल्यूशन की वजह से सभी को इस जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ गया है. हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे मनाया जाता है. यह खास दिन लोगों को लंग कैंसर के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से सेलिब्रेट किया जाता है. आज कैंसर स्पेशलिस्ट से जानेंगे कि लंग कैंसर का खतरा किन लोगों को ज्यादा है और इसका पता कैसे लगाया जाता है.

ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की कंसल्टेंट डॉ. सारिका बंसल ने News18 को बताया कि फेफड़ों की सेल्स में अबनॉर्मल ग्रोथ होने लगे, तो इसे लंग कैंसर कहा जाता है. इस कैंसर की सबसे बड़ी वजह स्मोकिंग है, लेकिन रेडिएशन थेरेपी और रेडॉन गैस के संपर्क में आने पर भी लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. सिर्फ स्मोकिंग करने वालों को ही नहीं, बल्कि उसके आसपास रहने वाले लोगों को भी लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल स्मोकिंग का धुआं वहां आसपास मौजूद लोगों के शरीर में भी पहुंच जाता है और इसे सेकंड हैंड स्मोकिंग कहा जाता है.

डॉक्टर सारिका बंसल ने बताया कि आज के जमाने में एयर पॉल्यूशन से लोगों का बुरा हाल हो गया है और पॉल्यूशन लंग कैंसर की वजह बन रहा है. जिन लोगों की लंग कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है, उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. फैक्ट्रियों में कैंसर बनाने वाले तत्वों के संपर्क में आने वालों को भी इस कैंसर का रिस्क ज्यादा माना जाता है. इस कैंसर का सही समय पर पता लग जाए, तो इलाज के जरिए लोगों की जान बचाई जा सकती है. जिन लोगों को इस कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है, उन्हें समय समय पर अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए.

एक्सपर्ट ने बताया कि लंग कैंसर का पता लगाने के लिए चेस्ट का एक्स-रे कराया जा सकता है. इसके अलावा कम रेडिएशन वाला HRCT स्कैन और CT स्कैन के जरिए भी फेफड़ों के कैंसर को डिटेक्ट किया जा सकता है. अगर लंग कैंसर के इलाज की बात की जाए, तो स्टेज के अनुसार 3 तरीकों से इलाज किया जाता है. पहला सर्जरी, दूसरा रेडिएशन थेरेपी और तीसरा कीमोथेरेपी. हर मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज किया जा सकता है. लंग कैंसर से बचान करना संभव है. लोगों को इससे बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए.

डॉक्टर सारिका का कहना है कि लंग कैंसर से बचने के लिए लोगों को तुरंत स्मोकिंग छोड़ देनी चाहिए और स्मोकर्स के साथ उठना-बैठना बंद कर देना चाहिए. पॉल्यूशन से बचने की कोशिश करनी चाहिए और कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. जिन लोगों को कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होती है, उन्हें समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए. इसके अलावा लोगों को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और बेहतर लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए. अगर किसी तरह की परेशानी हो, तो डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए.

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