‘मैं समझ नहीं पाता था…’, ‘सेक्स-एडिक्शन’ का शिकार था ‘हीरामंडी’ का ये एक्टर, जानिए कैसे लगती है ये लत
सेक्स की लत क्या है: बॉलीवुड के कई एक्टर्स ऐसे हैं, जो अपनी लत या एडिक्शन्स के बारे में बात कर चुके हैं. पूजा भट्ट से लेकर महेश भट्ट और जावेद अख्तर तक कई लोग अपनी शराब की लत पर बात कर चुके हैं. वहीं अब संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरोमंड’ में नजर आए एक्टर ने अपने ‘सेक्स एडिक्शन’ की बात की है. ‘हीरोमंडी’ में पुलिस ऑफिस के किरदार में नजर आए एक्टर जेसन शाह ने बताया कि कैसे 3 साल पहले तक वह इस लत का शिकार थे. जेसन ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में बताया कि ‘मुझे औरतों का एडिक्शन हो गया था. मैं सेक्स एडिक्शन से जूझ रहा था. हमेशा कहा गया कि जो अच्छा लगे वो करो, लेकिन यही तर्क गलत साबित हुआ. फिर मुझे भगवान ने ही बचाया है.’ जेसन ने बताया कि कैसे 2021 तक वह इस लत के शिकार थे, लेकिन फिर उन्होंने भगवान का रुख किया और ईश्वर ने ही उन्हें बचाया.’ लेकिन आखिर क्या होती है ‘सेक्स एडिक्शन’ लत और ये कैसे लगती है, आइए जानते हैं.
सेक्स एडिक्शन (Sex Addiction)
इसे यौन लत भी कहा जाता है. सेक्स एडिक्शन का मतलब है कि किसी व्यक्ति के दिमाग में हर समय सेक्शुअल फैंटेसी, इससे जुड़ी बातें, विचार, और ख्याल आते रहें. ऐसा व्यक्ति इन चीजों पर कंट्रोल नहीं कर पाता. बार-बार शारीरिक सुख पाने की इच्छा जागती है. यह स्थिति मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. ये लत किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रोफेशनल लाइफ पर बुरा प्रभाव डाल सकती है.
यौन क्रियाएं मनुष्य की जरूरत होती हैं, लेकिन जब ये मानसिक तौर पर बुरी तरह हावी होने लगे और दिमाग में इसके अलावा कुछ और न चले तो इसे ‘लत’ की श्रेणी में माना जाता है. हालांकि ये भी याद रखना चाहिए कि सेक्स लाइफ से जुड़े सामान्य पहलुओं को इससे जोड़कर नहीं देखना चाहिए.
किसी भी उम्र और लिंग का व्यक्ति इस एडिक्शन का शिकार हो सकता है.
क्या हैं इसके लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सेक्स एडिक्शन को डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स (DSM-5) के अंतर्गत नहीं गिनता है. ये एक मेंटल हेल्थ कंडीशन है. इसे इंपल्सिव कंट्रोल डिसऑर्डर माना जाता है. यानी जब हम किसी काम को करने के लिए अत्यधिक उत्तेजित हो जाएं और उससे होने वाले परिणामों के बारे में न सोचने का विवेक न रहे. इसके तहत बहुत ज्यादा यौन विचार और इच्छाएं पैदा होती हैं. इस लत का सबसे बुरा प्रभाव ये है कि व्यक्ति अपनी भलाई, रिश्ते की मर्यादा, समाज, परिवार जैसे सामाजिक सीमाओं को लांघ जाता है. ऐसे व्यक्ति को पहले की तुलना में अधिक यौन उत्तेजना और आनंद की आवश्यकता महसूस होती है.
सेक्स एडिक्शन की वजह से व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्तों में समस्याएं पैदा हो सकती हैं. यह रिश्तों में झगड़े, अविश्वास और दूरी का कारण बन सकता है. इसके अलावा यौन लत के कारण व्यक्ति डिप्रेशन, टेंशन, और आत्म-सम्मान की कमी का सामना कर सकता है.
किसे लग सकती है ये लत
किसी भी उम्र और लिंग का व्यक्ति इस एडिक्शन का शिकार हो सकता है. जिन लोगों को पूर्व में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे कि अवसाद, चिंता, या अन्य लतें) हो चुकी हैं, वे सेक्स एडिक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं. इसके अलावा जिन लोगों ने अपने जीवन में भावनात्मक या सामाजिक कठिनाइयों का सामना किया है, वे भी सेक्स एडिक्शन से प्रभावित हो सकते हैं.
क्या है इस बीमारी का इलाज
मनोचिकित्सा (Psychotherapy): मनोचिकित्सक या थैरेपिस्ट के साथ पर्सनल या ग्रपु में कंसल्टेशन ले सकते हैं. ताकि व्यक्ति को अपनी आदतों को समझने और नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
औषधीय उपचार (Medication): कुछ मामलों में, दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है, जैसे कि अवसाद या चिंता को नियंत्रित करने के लिए दवाएं, जो यौन लत को कम करने में सहायक हो सकती हैं.
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes): स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाना, जैसे कि रेग्युलर एक्सरसाइज करना, हेल्दी डाइट लेना और डिप्रेशन से दूर रहना जैसी चीजें इस लत से दूर रहने में सहायक हो सकती है.
सेक्स एडिक्शन एक गंभीर समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. इसका इलाज मनोचिकित्सा, समर्थन समूह, दवाओं, और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से किया जा सकता है.
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पहले प्रकाशित : 2 अगस्त, 2024, रात 10:15 बजे IST