जम्मू और कश्मीर

विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर चुनाव आयोग अगले सप्ताह जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा

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जम्मू-कश्मीर चुनाव: जम्मू-कश्मीर में चुनाव की पार्टियाँ जोर-शोर से लगी हुई हैं। इसी क्रम में चुनाव आयोग अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा। यह दौरा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में 8-10 अगस्त तक होगा। इस दौरान उनके साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू भी होंगे। विश्वास है कि इस केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 30 सितंबर को समय सीमा निर्धारित की है। पिछले मार्च में कुमार उस समय केंद्र उत्तर प्रदेश का दौरा करने वाले तीन रथ आयोग के एकमात्र सदस्य थे। उन्होंने राजनीतिक राजनीति और जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह सलाह दी थी कि जल्द ही संसदीय चुनाव में निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएगा। उस समय टेलीकॉम कमिश्नरों के दो पद खाली थे। सेल मार्च कोमोज़म चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले ही उन्हें भर दिया गया था।

जम्मू कश्मीर में सेक्स 1.1.2014 … मतदान के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाली है क्षेत्रीय चुनावइसके लिए एक बहुत बड़ी सकारात्मक बात है, ताकि केंद्र प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी की जा सके। ग़रीब में, आयोग सबसे पहले राजनीतिक परामर्श से मुलाकात कर सकता है। मुख्य अधिकारी एवं केन्द्रीय सेना के समन्वयक के साथ समीक्षा की जाएगी। आयोग के सभी प्रशिक्षकों के अधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ-साथ मुख्य सचिव और पुलिस अधिकारियों के साथ इंजीनियरों की समीक्षा भी करें।

आयोग दस अगस्त को कानून लागू करने वाली शोडिल के साथ समीक्षा बैठक के लिए जम्मू का दौरा। समीक्षा प्रक्रिया पर मीडिया को जानकारी की जानकारी के लिए आयोग जम्मू में प्रेसिडेंट भी चाहें। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जब भी होगा, 2019 में संविधान के अनुसार 370 के अधिकांश सदस्यों को शामिल किया जाएगा और राज्य को दो केंद्रों में विभाजित किया जाएगा, जिसके बाद पहला विधानसभा चुनाव होगा।

जम्मू कश्मीर में किमाडे आम तौर पर एक महीने तक चलती है। पेरिसिमन द्वीप के बाद, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को शेष द्वीप सीटों की संख्या 83 से 90 तक ले जाया गया है। पिछले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनाव कराने का निर्देश दिया था।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए जल्द ही दूरसंचार आयोग ने केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए और कहा कि वह अपने घर में कर्मचारी अधिकारियों का गोदाम कर दे। आयोग चुनाव से पहले यह कदम उठाता जा रहा है। आयोग लगातार यह नीति अपना रहा है कि चुनाव वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों को उनके घर या कार्यस्थल पर नियुक्त नहीं किया जाए, जहां वे लंबे समय से प्रशिक्षण ले रहे हों।

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