बांग्लादेश में जेल से भागे आतंकी, भारत पर मंडराया खतरा; हाई अलर्ट पर एजेंसियां
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं। बांग्लादेश से सटी भारतीय सीमाओं पर पूरी सतर्कता से निगरानी की जा रही है। बीएसएफ ने अपने निगरानी क्षेत्र वाली सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है। किसी तरह की घुसपैठ न हो इसके मद्देनजर सुरक्षा बल को पूरी तरह से नजर बनाए रखने को कहा गया है।
डीजी ने लिया हालात का जायजा
एक अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ ने 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और उनके साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे और आला अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। डीजी ने उत्तर 24 परगना जिले की सीमा का दौरा भी किया।
यहां हो चुकी है घुसपैठ की कोशिश
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले से लगती भारत-बांग्लादेश सीमा पर जहां अमुदिया सीमा चौकी के पास 10-15 बांग्लादेशी घुसपैठियों ने भारत में घुसने की कोशिश की थी। ऐसे सभी संवेदनशील एंट्री प्वाइंट को चिह्नित कर वहां खास चौकसी को कहा गया है। बांग्लादेश की तरफ से नदिया जिले के मलुआपाड़ा, हलदरपाड़ा, बानपुर और मैटियारी में घुसपैठ की कोशिश की आशंका को देखते हुए खास निगरानी की जा रही है। मुर्शिदाबाद जिले के चरमराशी और मालदा जिले में सासनी सीमा चौकी के इलाके भी संवेदनशील बताए जा रहे हैं। बीएसएफ ने बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के साथ भी संपर्क कायम किया है।
इस्लामी आतंकियों से खतरा
खुफिया जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में जारी अशांति के दौरान कई प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के सदस्य जेलों से भाग गए हैं। इनके भारत में प्रवेश करने की आशंका से एजेंसियां चौकन्ना हैं। ये आतंकी संगठन भारत बांग्लादेश के बीच सीमावर्ती राज्यों में सक्रिय हैं। कई मौकों पर भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल और असम से इन संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। संदेह है कि मौजूदा उथल-पुथल का फायदा उठाकर इन आतंकवादी संगठनों के सदस्य भारत में घुसपैठ कर सकते हैं।
सीमावर्ती इन राज्यों में सावधानी
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसमें असम में 262, त्रिपुरा में 856, मिजोरम में 318, मेघालय में 443 और पश्चिम बंगाल में 2,217 किलोमीटर की सीमा शामिल है। इन सभी स्थानों पर राज्य सरकारों को भी अलर्ट भेजा गया है।