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कोलेस्ट्रॉल की इस दवा से होगा ब्रेन की खतरनाक बीमारी से बचाव ! 30% तक कम हो जाएगा खतरा, रिसर्च में लगी मुहर

स्टैटिन और डिमेंशिया लिंक: कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कंट्रोल करने के लिए स्टैटिन दवा दी जाती है. यह दवा शरीर में जाकर कोलेस्ट्रॉल के प्रोडक्शन को कम कर देती है, जिससे यह काबू में आ जाता है. स्टैटिन एक सस्ती दवा मानी जाती है, जिसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को हार्ट डिजीज का रिस्क कम हो जाता है. अब तक स्टैटिन के तमाम फायदे आपने सुने होंगे, लेकिन एक रिसर्च में पता चला है कि कोलेस्ट्रॉल की यह दवा डिमेंशिया से भी बचा सकती है. जी हां, इस दवा को ब्रेन की सबसे खतरनाक कंडीशन से बचाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

अल्जाइमर सोसाइटी की रिपोर्ट के मुताबिक अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे कॉमन टाइप है, जिसमें लोगों की याददाश्त कमजोर होने लगती है. यह कंडीशन प्रोगेसिव होती है और धीरे-धीरे हालात बदतर होने लगते हैं. अगर डिमेंशिया ज्यादा बढ़ जाए, तो लोगों के सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है और लोग अपने घर का रास्ता तक भूलने लगते हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ने लगता है. हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या मोटापा जैसी अन्य कंडीशंस भी होती हैं, जिनसे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है.

स्टैटिन ऐसी दवाएं हैं, जिनका उपयोग खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है. कई लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए भी स्टैटिन लेते हैं. कई रिसर्च में देखा गया है कि स्टैटिन ने डिमेंशिया का जोखिम करीब 30% तक कम हो सकता है. कई रिसर्च में यह भी पाया गया है कि स्टैटिन से अल्जाइमर डिजीज का खतरा करीब 30% कम हो सकता है, जबकि वैस्कुलर डिमेंशिया का खतरा लगभग 7% कम हो सकता है. हालांकि स्टैटिन के साथ लाइफस्टाइल चेंजेस और डाइटरी चेंजेस का भी डिमेंशिया का खतरा कम करने में अहम योगदान हो सकता है.

कई लोग डिमेंशिया को लेकर कंफ्यूज रहते हैं और वे जानना चाहते हैं कि डिमेंशिया क्या बीमारी होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कई न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस को डिस्क्राइब करने के लिए डिमेंशिया शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. डिमेंशिया बीमारियों के एक ग्रुप को कहा जाता है, जो आपके ब्रेन से जुड़ी हुई होती हैं. डिमेंशिया की सबसे कॉमन बीमारी अल्जाइमर होती है. इसके कई रिस्क फैक्टर्स होते हैं, जिनमें से हाई कोलेस्ट्रॉल भी एक है. यही वजह है कि स्टैटिन दवा का इस्तेमाल करने से डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है.

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