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अगर 30 की उम्र में गिर गए हैं दांत, तो टेंशन मत लीजिए, जल्द मार्केट में आएगी नए दांत उगाने वाली दवा !

दांत पुनः उगाने वाली दवा समाचार: बचपन में दांत गिरकर दोबारा आना नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन यंग एज में ऐसा होना नॉर्मल नहीं होता है. अगर किसी व्यक्ति के दांत 30 या 40 साल की उम्र में गिरते हैं, तो इसके लिए डेंटल इंप्लांट और डेन्चर जैसे महंगे विकल्प ढूंढने पड़ते हैं. सभी लोगों के लिए ये प्रोसीजर भी कारगर नहीं होते हैं और लोगों को जिंदगीभर परेशानी बनी रहती है. हालांकि जापान के एक स्टार्टअप ने दांत उगाने वाली दवा बनाने का दावा किया है. माना जा रहा है कि अगर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल सफल रहा, तो दांतों के क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है. इस दवा से लोगों के दांत दोबारा उग सकेंगे.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक दांतों को दोबारा उगाने वाली दवा का ह्यूमन ट्रायल अगने महीने से शुरू हो जाएगा. अब तक इस ड्रग का ट्रायल चूहों पर किया गया है और इस ट्रायल में गजब के नतीजे सामने आए हैं. जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी से जुड़े स्टार्टअप टोरेग्राम बायोफार्मा ने इस ट्रीटमेंट को बनाया है. इसका टारगेट साल 2030 तक दांत उगाने वाले ड्रग को बाजार में लाना है. यह दवा उन मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है, जिनके जन्म से ही कुछ या सभी दांत गायब हैं. इस कंडीशन को कॉनजेनिटल एनोडोंटिया कहा जाता है.

इस दवा को तैयार करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ड्रग उन लोगों को भी पेश किया जाएगा, जिनके यंग एज या इसके बाद के जीवन में बाद में दांत टूट जाते हैं. यह दवा एक खास प्रोटीन को टारगेट करती है, जो दांतों के विकास को रोकता है. जन्मजात एनोडोंटिया वाले लोगों की आबादी 0.1% के करीब होती है, जो वयस्क होने पर डेंटल इंप्लांट या डेन्चर करवाते हैं. अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन नई दवा इस समस्या का समाधान हो सकती है. शोधकर्ता नए ड्रग को दांत न होने की समस्या का एक विकल्प बनाना चाहते हैं.

इस ड्रग की सेफ्टी जांचने के लिए कंपनी स्टेज 1 क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए तैयार है, जो सितंबर 2024 में 30 स्वस्थ वयस्कों पर किया जाएगा. अगर पहले चरण के ट्रायल में सब कुछ ठीक रहा, तो साल 2025 में इस दवा का स्टेज 2 ट्रायल शुरू होगा, जिसमें इस दवा की प्रभावशीलता का आकलन करने की योजना है, जिसमें जन्मजात एनोडोंटिया वाले 2 से 7 वर्ष की उम्र के मरीजों को उपचार दिया जाएगा. टोरेगेम को उम्मीद है कि यह एंटीबॉडी दवा 1.5 मिलियन येन (करी 8 लाख रुपये) में पेश करेगी और इसे हेल्थ बीमा में कवर किया जा सकेगा.

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