अब और देरी नहीं; जम्मू-कश्मीर में चुनावी बयार, चुनाव आयोग के सामने NC से BJP तक सभी एक सुर में
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से प्रतीक्षित विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को श्रीनगर का दौरा किया। चुनाव से पहले की स्थिति का आकलन के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग की टीम ने राजनीतिक दलों, सुरक्षा एजेंसियों, और स्थानीय प्रशासन के साथ मुलाकात की। इस दौरे के दौरान, चुनाव आयोग की टीम ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में चुनाव कराने के लिए जरूरी कदमों पर विचार-विमर्श किया।
राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा करने के लिए चुनाव आयोग की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में पिछले आठ वर्षों से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। अंतिम बार 2014 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे और तब से राज्य विशेष राजनीतिक और प्रशासनिक परिस्थितियों से गुजर रहा है। संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं, इसलिए यह यात्रा और भी अहम हो जाती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग की टीम ने श्रीनगर में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इन दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी शामिल थीं। इस बैठक में सभी दलों ने अपनी-अपनी राय प्रस्तुत की और जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की। सभी दल इस बात पर एकमत थे कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अब और देरी नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा चुनाव आयोग की टीम ने राज्य के 20 जिलों के पुलिस प्रमुखों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी बैठकें कीं। यह बैठकें राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने और चुनाव के दौरान किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए की जा रही हैं। आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी स्थिति की समीक्षा की।
आयोग की तीन दिवसीय यात्रा का समापन 10 अगस्त को जम्मू में होगा, जहां आयोग प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेगा। इस बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और चुनाव के समय और प्रक्रिया पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय की हुई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य में चुनाव कराने की प्रक्रिया इस समय सीमा के भीतर पूरी की जानी चाहिए। अब जबकि चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है।