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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 अपडेट: दो शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने लिया वीआरएस, भाजपा के टिकट से लड़ेंगे चुनाव

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जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, आगामी 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। विभिन्न दल भी चुनाव लड़ने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के दो शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने निर्देशात्मक ले ली के लिए विधानसभा चुनाव लड़ा। दोनों छात्र-छात्राओं के रैंक के अधिकारी हैं। एक ने छुट्टी दे दी है तो दूसरे ने अपने पेपर विभाग में वी-रिटर्न के लिए जमा कर दिए हैं। दोनों मित्रों के भाजपा के टिकटों पर चुनावी लड़ाई की चर्चा है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में सरकार को सितंबर 2024 से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया था। अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खो दिया गया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और अशांति में दरार पड़ गई। आगामी 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज करने के लिए विभिन्न आश्रमों द्वारा अपनी रणनीति तय की जा रही है। इस बीच दो अलास्ट रैंक के पुलिस अधिकारियों ने चुनावी लड़ाई के लिए वीडियो रिजर्वेशन लिया है।

कौन हैं ये पुलिस स्टेशन?

कश्मीर पुलिस सेवा (केपीएस) के 2003 के बैच के वरिष्ठ अधिकारी वैज्ञानिक मोहन लाल कैथ ने अपना पद छोड़ दिया है। वो कश्मीर में सुरक्षा इकाई की चौथी बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे। उनके करीबी लोगों ने मामले में जानकारी देते हुए कहा, ”मोहन लाल की फाइल को पुलिस विभाग ने मंजूरी दे दी है और अब गृह विभाग में इंटरफेस का इंतजार है।” 59 सालवार कथा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ेंगे। कथा के मढ़ (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है।”

एक अन्य असैनिक अधिकारी मोहन लाल (58 वर्ष) हैं। उन्होंने भी पुलिस विभाग में अपनी स्वतंत्रता के लिए अपनी सुरक्षा जमा कर दी है। उनके साथियों का कहना है, “मोहन लाल ने अनिवार्य सेवा पूरी कर ली है और अभ्यर्थी स्नातक योजना का विकल्प चुनें।” वह अखनूर विधानसभा क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ने जा रहे हैं। यह सीट एससीओ समुदाय के लिए उद्यम के लिए है।” उनकी असूचीबद्ध फ़ाइल का भी गृह विभाग की ओर से इंतज़ार किया जाता है।

राजीव कुमार ने इलेक्शन इलेक्टोरल का लीड लिया

इस बीच गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए श्रीनगर क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के अधिकारियों के दो दिवसीय दौरे का उद्देश्य आगामी चुनाव सभा चुनाव के लिए व्यापक चर्चा और मूल्यांकन करना है। अधिकारियों ने बताया कि सीईसी कुमार चुनाव आयुक्तों के साथ डल लेक के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसके वैज्ञानिक) क्षेत्र, जहां उनका सबसे पहला जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक आश्रम से मुलाकात का कार्यक्रम है।

पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र से रिकॉर्ड 25 चर्च और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सबसे ज्यादा 28 टिकट रिकॉर्ड बनाए थे। इसके बाद, दोनों राजनीतिक मठों ने एक गठबंधन सरकार का गठन किया, जो 19 जून 2018 को दोनों राजनीतिक मठों में अलग-अलग होने के बाद गिर गया।

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