किसान संगठन में उतरे पहलवान के समर्थन में उतरे पहलवान विनेश फोगाट, बाजीराव के खिलाफ आवाज उठाई
विनेश फोगाट ताज़ा खबर: 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण पेरिस ओलिंपिक से बाहर निकले रेसलर विनेश फोगाट के समर्थन में किसान संगठन उतरे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है, जिससे देश की शान विनेश फोगाट को न्याय मिल सके। शंभू सीमा पर किसान आंदोलन के 177वें दिन गुरुवार को हुई विशेष बैठक में यह खुदाई की गई। किसान नेताओं ने कहा कि किसान की बेटी विनेश फोगाट ने जापान की विश्व ओलंपिक चैंपियन और कुश्ती की दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है और यह उन सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। किसान नेताओं ने केंद्र से अपील की कि पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले पहलवान विनेश फोगाट के समर्थन में आगे आएं और मामले की गहन जांच करें।
ब्रिजेश के खिलाफ आवाज उठाते हुए साजिश का शिकार
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस फाइनल ओलम्पिक से पहले प्रतिबंधात्मक प्रावधानों पर रोक लगा दी है। बीसीएम ने विनेश फोगाट को मेडल सिल्वर मेडल की अपील का समर्थन किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पूरे प्रकरण में भारतीय ओलंपिक संघ और भारत सरकार के नेपोलियन की भी निंदा की है। बीसीएम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विनेश फोगाट के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पता चला है कि भारतीय कुश्ती पहलवान और भारतीय ओलंपिक संघ के कई अधिकारी उन्हें ओलंपिक में जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश की जनता भी इस बात से भली-भांति परिचित है कि केंद्र सरकार चाहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह की आवाज उठाने वाली विनेश फोगाट से पहले ही मोदी सरकार की नजर में किरकिरी बनी हुई थी। देश का नाम रोशन करने वाली विनेश फोगाट के कुश्ती से संत बनने पर गहरे दुख की मांग करते हुए उन्होंने उन्हें देश का महान खिलाड़ी बताया। बिजनेसएम का कहना है कि ऑर्गनाइजेशन पूरी तरह से विनेश के साथ अपनी मुश्किल घड़ी में खड़ा है। भले ही ओल संघ ने विनेश को भेदभावपूर्ण घोषित कर दिया हो, लेकिन भारत की जनता के लिए ओल में स्वर्ण पदक विजेता स्पष्ट रूप से अपनी जगह नहीं ले सकते।
पटियाल में किसानों के ग्रैजुएट में डुबकी थी विनेश
महिला मजदूर विनेश फोगाट किसानों की आवाज उठाती रहती हैं। 11 जून 2023 को उन्होंने पटियाला बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर आम आदमी पार्टी पर बैठे किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा था कि लोगों के लिए इस देश में बात-बात पर लिखी बातें पढ़ी जा रही हैं, ये देश उनके लिए अच्छा नहीं है। लोग बहुत सारे किरदार निभा रहे हैं, वो अपने परिजनों को बचाकर बैठे हैं। लोगों को इतना दुःख नहीं होना चाहिए। आज मैं यहां इन लोगों के लिए आई हूं।
रिपोर्ट: मोनी देवी