यूपी पॉलिटिक्स: यूपी में गठबंधन ने बनाई गठबंधन की चुनौती, बीएसपी ने बनाए खास प्लान, सपा-कांग्रेस या बीजेपी ने बनाई किसकी बेरोजगारी चुनौती
ट्रस्ट अब अपने पारंपरिक वोट बैंक की घर वापसी के लिए निश्चिंतता को बनाएगा इसके बनगी उत्तर प्रदेश के 10 विधानसभाओं पर होने वाले विशाल को देखने को मिलेगा
लखनऊ. पिछले कई चुनावों से हाशिए पर चल रही साझीदारी अब अपने पारंपरिक वोट बैंक की घर वापसी के लिए नैट के मुद्दे पर फ्रंटफुट पर विवाद का मूड बना लिया है। इसके बनगी उत्तर प्रदेश के 10 विधानसभाओं पर होने वाले विशाल को देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के कोटा में सभी 10 न्यायाधीशों की याचिका खारिज कर दी गई है। सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट के वोट को पार्टी अपने लिए संजीवनी मान रही है। यही कारण है कि इन चुनावों में तानाशाही के मुद्दे को जोर शोर से पकड़ा जाएगा। इसके लिए पार्टी ने खास प्लान तैयार किया है. इसके तहत पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर में रहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बातें तोड़ेंगे। इसमें यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है कि कैसे अन्य दल उन्हें भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
रविवार को लखनऊ में हुई बैठक में मायावती ने इस संबंध में पार्टी को निर्देश दिया। मावती ने कहा कि अभी विधानसभा की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सभी दल व्यवसाय में हैं। ऐसे प्रशिक्षकों को भी पूरी ताकत लगानी होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों का भरोसेमंद है. नीट के मुद्दे पर सपा, कांग्रेस और भाजपा ने हाथ मिलाते हुए कहा कि सभी आश्रमों के आश्रमों में से किसी भी तरह से इसे खत्म करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने ताले जैसी चोटी में स्ट्रेंथ को भी इसी तरह की कोशिश का हिस्सा बताया।
बीजेपी और ओपीडी का प्रारूप
उत्तर प्रदेश के नटखट मुद्दे पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भाजपा की तरफ से जहां कहा गया है कि पार्टी आर्चेशन का समर्थन करती है और संविधान के साथ खड़ी है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से वोट कटवा की कोशिश की. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से ही नैट की पक्षधर रही है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता दीपक रंजन ने कहा कि पार्टी में ऐसे उत्पात होते हैं जो किसी के लिए वोट कटवा साबित न हों।
अगर चले तो आर्किटेक्चर रेस्तरां को नुकसान
बैस्ट, बैस्ट का यह दांव अगर चलता है तो ऑर्केस्ट्रा आश्रम को नुकसान तय माना जा रहा है। हाल ही में स्टॉकहोम इलेक्शन में इंडिया अलायंस को दलित वोट मिले, जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी को 37वां पायदान मिला, वहीं कांग्रेस को भी 6वां पायदान मिला। भारतीय उद्योगपति बीजेपी के लिए यह स्केल प्रतिष्ठा से कम नहीं है, ऐसे में दलित वोट को भी जबरदस्ती रखा जाता है।
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पहले प्रकाशित : 12 अगस्त, 2024, 09:58 IST