बिहार

बांका के किसान ने मछली पालन कर बदली अपनी किस्मत, 6 महीने में कर ली 5 लाख की कमाई!

दीपक कुमार/बांका: कृषि खेती ठीक हो गई है अब मछली पालन की ओर अधिक मछली पकड़ी जा रही है। किसान पारंपरिक खेती से कई गुना लाभ मछली पालन से कमा रहे हैं। इसका उदाहरण बन रहे हैं बांका जिले के कटोरिया खंड अंतर्गत मोचनबर्न गांव के निवासी इंजीनियर यादव जो पिछले 10 वर्षों से तांत्रिक मत्स्य पालन कर अपना भाग्य बदल रहे हैं। पार्टिसिपेटरी की 5 लाख से अधिक आय अर्जित कर रहे हैं।

किसान वैद्य यादव ने लोकल 18 को बताया कि उनकी पढ़ाई लिखाई केवल साहित्य तक है। शुरुआत से ही वो खेती से जुड़ी है, लेकिन खेती से अच्छी शुरुआत नहीं होने के कारण वे पहले काफी चिंतित थे। इसी दौरान एक मित्र की दी सलाह के अनुसार छोटा सा तालाब निर्माण और मत्स्य पालन का काम शुरू किया गया। जिससे लगात से पूरी दुकान हुई। इसके बाद उन्होंने एक बड़ा तालाब का तालाब बनाया और अब पिछले 10 वर्षों से मत्स्य पालन कर रहे हैं।

किसान कर्मचारी यादव बताते हैं कि हमारी यहां की अधिकांश भूमि पर पथरी होने की वजह से उपज काफी कम होती है। किसान को अपना जीवन यापन करने में काफी नुकसान होता है। 2014 में एक दोस्त ने बताया था कि अगर आप मछली पालन करेंगे तो फिर से अच्छा विकास होगा और मैंने छोटे सा तालाब का निर्माण 5000 की लागत से मछली पालन शुरू किया है।

कैसे करते हैं व्याख्या
किसान कहते हैं कि मछली पालन के लिए एक मठ की भूमि में एक बड़ा तालाब और एक बड़ा तालाब का निर्माण किया गया है, जिसमें पथरीली भूमि होने का कारण प्राचीन भर पानी नहीं है। 6 महीने का एक कलचर ही मत्स्य पालन कर रहा है जहां धान के खेत से मक्का के उद्योग में दोहरा प्रवेश होता है। साथ ही बताया गया है कि हमारे तालाबों में आईसीकल्टी के रेहू, कैटल, मिरगल, गोल्डन और ग्लास्कर्फ़ जैसे मछलियों का पालन-पोषण किया जाता है जिसमें कम खर्च होता है। एक मछली को तैयार करने में 60 से 65 रुपये का खर्च आता है जबकि बाजार में एक मछली को तैयार करने में 180 से 200 रुपये का खर्च आता है।

किसान 100 ग्राम के आकार के मछलियों का पालन करते हैं
किसान बताते हैं कि हमारे यहां तालाब में मात्र 6 महीने में खेती करना संभव है। ऑफर लेकर हम लोग 100 ग्राम के मछली का पालन करते हैं जो महज़ 4 से 6 महीने में तैयार हो जाता है जिसे बाजार में बेचकर रियाल की 5 लाख से ज्यादा कमाई करते हैं।

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