अपराध का अड्डा बन गया है, केंद्रीय बल लगाए लगाम; RG कर अस्पताल पर हमले से भड़के सुवेंदु अधिकारी, केंद्र को लिखी चिट्ठी
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को एक पत्र लिखकर कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की। अधिकारी का यह कदम हाल ही में अस्पताल में हुई एक बड़ी घटना के बाद आया है, जिसमें भीड़ द्वारा कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई थी। उन्होंने इस घटना को राज्य सरकार की नाकामी और तृणमूल कांग्रेस के ‘गुंडों’ की करतूत बताया, जिन्होंने कथित तौर पर अस्पताल में सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की।
सुवेंदु अधिकारी ने अपने पत्र में लिखा, “पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को अपराध के दलदल में बदल दिया है। पहले अपराधियों को फलने-फूलने का मौका दिया गया, और अब टीएमसी के गुंडों को सबूतों को नष्ट करने और विरोध कर रहे डॉक्टरों को डराने की इजाजत दी जा रही है।” अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि भीड़ ने आधी रात को अस्पताल परिसर के गर्ल्स हॉस्टल में घुसने की कोशिश की, जबकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी टॉयलेट्स में शरण लेने को मजबूर हो गए।
यह घटना ऐसे समय में घटी जब राज्य भर की महिलाएं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रात 11:55 बजे ‘रिक्लेम द नाइट’ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। यह प्रदर्शन उस दर्दनाक घटना के विरोध में था, जिसमें एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और चिकित्सा समुदाय में भी व्यापक आक्रोश उत्पन्न किया है।
सुवेंदु अधिकारी ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के अलावा गृह मंत्रालय और सीबीआई निदेशक को भी इस तोड़फोड़ के बारे में सूचित किया है। उन्होंने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की है ताकि अस्पताल में सबूतों को सुरक्षित रखा जा सके और आगे किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोका जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और इसलिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।
अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों को बढ़ावा दिया है, जो अब खुलेआम अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ सबूतों को नष्ट करने और मामले को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है, ताकि दोषियों को बचाया जा सके।
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है, जो पहले कोलकाता पुलिस के हाथ में थी। अधिकारी का मानना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती से अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है, और यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।