सिर्फ ब्यूटी ट्रीटमेंट नहीं है पेडीक्योर, डायबिटीज के मरीजों के लिए हैं इसके कई फायदे, पर ये रखना सावधानी
मधुमेह रोगियों के लिए पेडीक्योर: डायबिटीज को एक साइलेंट किलर कहा जाता है, जो धीरे-धीरे इंसान का मारती है. डायबिटीज के मरीजों को अपनी हेल्थ को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखना और सही फुट केयर अपनाना डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है. इसके अलावा, रेग्युलर एक्सरसाइज भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. पर शरीर के साथ ही आपको अपनी स्किन का भी उतना ही ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि घाव या कट सूजन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं. अक्सर ब्यूटी पार्लरों में मिलने वाली सर्विस पेडीक्योर को अक्सर ब्यूटी ट्रीटमेंट की तरह ही माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेडीक्योर, डायबेटिक्स के लिए एक जरूरी सर्विस है. बहुत से डायबिटीज के मरीज पेडीक्योर के लिए पार्लर जाने से हिचकिचाते हैं. आइए इसे समझते हैं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए पेडीक्योर के फायदे
हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में, पॉडियाट्रिस्ट और डायबिटिक फुट सर्जन, डॉ. केवीएनएन संतोश मूर्ति, ने बताया कि पेडीक्योर डायबिटिक अल्सर और फुट इंफेक्शन्स को रोकने में मदद कर सकते हैं. अगर आप एक डायबेटिक हैं तो पेडीक्योर, नियमित रूप से पैरों की देखभाल में आपकी मदद करता है. इससे डायबिटिक अल्सर और इनफेक्शन के खतरों को कम किया जा सकता है. पेडीक्योर के दौरान पैरों की त्वचा को साफ और हाइड्रेटेड रखा जाता है. इससे घाव और सूजन का खतरा घट जाता है. पेडीक्योर में नाखूनों की सफाई और सही ढंग से ट्रिमिंग भी होती है. इससे नाखूनों के फ्लैट होने और उनके खराब होने से बचा जा सकता है. साथ ही पेडीक्योर के दौरान पैरों की मालिश की जाती है, जो आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है. ये डायबेटिक पेशंट्स के लिए अच्छा होता है, क्योंकि खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण घाव और इनफेक्शन ठीक होने में काफी लंबा समय लेते हैं. हालांकि, डॉ. मूर्ति ने सुझाव दिया कि अगर आपको कोई संक्रमण है तो पेडीक्योर कराने से बचना चाहिए.
पेडीक्योर में नाखूनों की सफाई और सही ढंग से ट्रिमिंग भी होती है. इससे नाखूनों के फ्लैट होने और उनके खराब होने से बचा जा सकता है.
कब नहीं कराना चाहिए पेडीक्योर?
– अगर आपके पैरों, पैरों की त्वचा, या नाखूनों पर कोई कट, संक्रमण या खुला जख्म है तो पार्लर में पेडीक्योर से बचना चाहिए. यदि आपको डायबिटीज की वजह से होने वाली न्यूरोपैथी जैसी नर्व डेमेजप परेशानी है, तब भी आपको पेडीक्योर नहीं करना चाहिए.
– पेडीक्योर से पहले अपने पैरों की शेविंग से बचें. शेविंग से त्वचा में छोटे कट लग सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
– पार्लर में जाते समय सुनिश्चित करें कि फुट बाथ से पहले चीजें अच्छे से साफ और डिसइंफेक्ट किया गया हो. क्लिपर्स और अन्य उपकरणों को भी संक्रमण से बचाने के लिए डिसइंफेक्टिंग सॉल्यूशन में धोया जाना चाहिए.
– कभी भी मैनीक्योरिस्ट को अपनी क्यूटिकल्स काटने या स्किन पर ज्यादा तीखे प्रोडक्ट्स का यूज करने की परमिशन न दें. इसके बजाय, जब आपके पैर कुछ मिनटों के लिए भिगोए गए हों और त्वचा नरम हो गई हो, तो क्यूटिकल्स को ऑरेंज स्टिक से धीरे से पुश करें.
– यदि संभव हो तो अपने पेडीक्योर टूल्स अपने साथ लाएं और तकनीशियन से कहें कि आपके नाखून बहुत छोटे न काटे. सुनिश्चित करें कि नेल फाइल का उपयोग करके किसी भी तेज किनारे को चिकना करें ताकि नाखून आपकी त्वचा में न गहरे जाएं.
– डायबिटिक फुट सर्जन ने घर पर एक साधारण कैपिलरी फिलिंग टेस्ट करने की भी सलाह दी है, जो यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि पेडीक्योर करना सुरक्षित है या नहीं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए पेडीक्योर करते समय सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है. सही सफाई, उचित सेवाओं का चयन और व्यक्तिगत उपकरणों का उपयोग संक्रमण और अन्य समस्याओं से बचाव में मदद कर सकते हैं.
पहले प्रकाशित : 16 अगस्त, 2024, 12:10 IST