जम्मू और कश्मीर

अब्दुल्ला पिता-पुत्र पर अब चुनाव का दबाव, अब्दुल्ला ने निकाली बेटी; कश्मीर में कांग्रेस की क्या रणनीति

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाते ही राजनीतिक सक्रिय दल हो गए हैं। यही नहीं अब तक जिन अब्दुल्ला के पिता पुत्र और ओबामा मुफ्ती जैसे नेताओं के चुनाव न लड़ने के चर्चे थे, अब वे भी उतरेंगे। पार्टी नेताओं की ओर से दोनों पर दबाव है कि वे चुनाव में जरूर उतरें क्योंकि इससे एक तरफ जहां पार्टी में मदद मिलेगी वहीं जीत के बाद पार्टी के साथ मिलकर रहना भी आसान होगा। यही नहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तो अपना घोषित पत्र भी जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि हम सत्ता में आकर अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर से बहाल करेंगे।

इस बीच पीआईपी ने बिजबेड़ा सीट से बाबा फ्री की बेटी इल्तिजा को उड़ाने का ऐलान किया है। 36 साल की इल्चिजा पहले अपनी मां के लिए मीडिया सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी हैं। इस तरह मुफ़्ती मोहम्मद सईद, साहब मुफ़्ती के बाद अब मुफ़्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी के चुनाव में उतरेगी। इल्तिजा की मां और नाना दोनों ही राज्य के सीएम रह चुके हैं और इसी बिज़बहेड़ा सीट से हीरो हैं। वहीं अब्दुल्ला पिता-पुत्र के इरादे भी बदल रहे हैं। अब तक दोनों चुनावी से अस्वीकार्य कर रहे थे। फारूक अब्दुल्ला ने तो चुनाव की घोषणा के साथ ही उतरने की बात कही थी। अब उमर अब्दुल्ला भी इस पर विचार कर रहे हैं।

राष्ट्रीय सम्मेलन के एक नेता ने कहा कि अब्दुल्ला पिता-पुत्र हैं। सीएम रह चुके हैं। इसलिए उनकी गरिमा के खिलाफ है कि वे ऐसी विधानसभा के लिए चुनाव लड़ते हैं, जिसका मुखिया एलजीओ होन है। लेकिन यह चुनाव हमारी सहमति के लिए जरूरी है। ऐसे में दोनों नेताओं से चुनाव में आने की अपील हम सभी लोग कर रहे हैं। इस बीच चर्चा है कि इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल नेशनल के बीच गठबंधन हो सकता है। एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी और कांग्रेस गठबंधन को लेकर बातचीत शुरू हो रही है। बैठकर शेयरिंग पर बात होगी और उसके बाद ही गठबंधन पर कोई फैसला होगा।

कांग्रेस का संकेत- इंटरनेट पर पढ़ेंगे पी.पी.डी

पत्र जारी होने की घोषणा के बाद उमर ने कहा कि हमारे गठबंधन को लेकर बात शुरू होने वाली है। हम ये नहीं कह सकते कि कितनी सफलता मिलेगी, जब तक बातचीत शुरू नहीं होगी। वहीं कांग्रेस ने भी अलायंस को सकारात्मक रुख दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तारिक अहमद कर्रा ने कहा कि हम विकलांग छात्रावास वाले धर्मशाला से बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन पीआईपी को लेकर अब तक कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने भी पीआईपी को लेकर कुछ नहीं कहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *