महाराष्ट्र

10 घंटे की गर्भवती मां को 10 घंटे की कहानी, बदलापुर में बच्ची का मामला भी परेशान; आज भी विरोध

महाराष्ट्र के बदलापुर में 3 और 4 साल की मौत से रेप के मामले में पुलिस की कार्रवाई में देरी पर लोग भड़के हुए हैं। मंगलवार को हजारों लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर उतरे और भारी विरोध प्रदर्शन किया। थाने के पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच दोनों में से एक बच्ची के मामले में बताया गया कि पुलिस ने गर्भवती मां को 10 घंटे तक थाने और अस्पताल में रखा। चौदह तक केस ही दर्ज नहीं किया गया। तब हुई ऐसी हालत, जब एक की मां दो महीने की प्रेग्नेंट है। उन्हें पुलिस ने 10 घंटे तक अस्पताल में रखा। इसके दौरान वह ट्रामा में है और 102 डिग्री बुखार से पीड़ित है।

पीड़ित बच्ची की एक महिला ने कहा कि हम इस मामले में एक निजी अस्पताल में मेडिकल स्टोर में थे। प्राथमिक जांच में पता चला कि यौन उत्पीड़न हुआ था और फिर जब इसे सरकारी अस्पताल में नामांकित किया गया। इसके बाद थाने में लंबी पूछताछ की गई। यह स्थिति पीड़ित बच्ची और उसकी मां दोनों के लिए ही चिंता करने वाली थी। वौजूदा ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में कोई भी नामांकन दाखिल नहीं किया है। छोटी बच्ची के मामले के बाद भी उसे दर्ज करने में देरी हुई।

परिवर्तनपुर रेलवे स्टेशन पर हजारों लोगों का गुस्सा था कि इतने छोटे से मामले में पुलिस ने देरी क्यों की। परिवर्तनपुर ईस्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज दस्तावेजों के अनुसार इस घटना की जानकारी 16 अगस्त को दी गई। इसी दिन एक बच्ची के दादा ने उसके माता-पिता को बताया कि एक अन्य परिवार ने अपनी बेटी को लेकर बताया कि वह स्कूल जाने से डर रही है। वह प्राइवेट पार्ट्स में दर्द की शिकायत कर रही है। स्कूल में किसी दादा ने शारीरिक अंगों को गलत तरीके से बंद कर दिया है। इस पर बच्ची के दादा को शक हुआ और उनके माता-पिता ने बच्ची को अस्पताल ले जाने की तैयारी की। पता चला कि इसमें उनका भी यौन उत्पीड़न हुआ है।

इस मामले में राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया गया है। कांग्रेस नेता शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले ने पुणे में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उनका कहना था कि सरकार ने इस मामले में कार्रवाई में देरी की है। वहीं, एंथोनी के खिलाफ लड़ाई में जाने पर भी सवाल उठे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोगों को ऐसी चीजें नहीं दिखानी चाहिए। बड़ी संख्या में लोग आंदोलन करने निकले तो आपने उनके खिलाफ अपना केस दर्ज किया। ये सवाल तो उठेगा ही कि आखिरकार पुरातन संस्थान में ऐसी घटना हुई है।

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