झारखंड हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी शरणार्थियों के अवैध प्रवास पर केंद्र सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा – अमर उजाला हिंदी न्यूज लाइव
झारखंड उच्च न्यायालय
– फोटो : एएनआई
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झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में बांग्लादेशी आदिवासियों के अवैध प्रवास को लेकर केंद्र सरकार, खुफिया ब्यूरो सीमा और सुरक्षा बल को ले जाया गया, क्योंकि इस मामले में अदालत के निर्देशों के बावजूद सरकार ने एक नामांकन पत्र में अपना हलफनामा दाखिल नहीं किया था। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दो सप्ताह के अंदर अपना हलफनामा भुगतान करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय इस मामले में पांच सितंबर को फिर से सुनवाई करेगा।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और झारखंड अरुण कुमार राय की खण्डपीठ संथाल जिले के मीडिया से भारत में आने वाले बांग्लादेशी बौद्ध पर एक विचित्र याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान पीठ ने कहा कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा केंद्र सरकार के बावजूद कोर्ट के लिए स्वीकृत है, लेकिन ऐसा लगता है। कहा कि वकीलों और विधायकों पर अवैध अप्रवासी काम कर रहे हैं, लेकिन उनके पास इस अदालत के समेकन हलफनामे में काम करने का समय नहीं है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश प्रसाद और गणतंत्र राय की पीठ ने कहा, राज्य सरकार ने पहले ही इस मामले में एक हलफनामे का खुलासा कर दिया है। वहीं, कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार अपना जवाब देने में विफल रही है। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा, झारखंड में बांग्लादेश के निवासियों की अवैध यात्रा एक गंभीर संकट है।
रिजॉर्ट ने अपनी याचिका में कहा, ‘शरणार्थी पांच मशालों में मदरसे और बस्तियां स्थापित कर स्थानीय आदिवासियों की सराहना कर रहे हैं। बांग्लादेशी अन्वेषण संथाल परगना की खुली खिड़की के माध्यम से झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही अवैध अप्रवासी साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा और गांवों में मदरसे और बस्तियां स्थापित किए जा रहे हैं।’