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कतर ने भारत को लौटाई गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां, जब्त करने पर मचा था बवाल

मुस्लिम राष्ट्र कतर ने दोहा में भारतीय दूतावास को सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की दो प्रतियां लौटा दी हैं। कतर अधिकारियों द्वारा ये प्रतियां बिना मंजूरी के धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने से संबंधित मामले में एक भारतीय नागरिक से जब्त की गई गई थीं। पिछले हफ्ते कतर में धर्मग्रंथों की जब्ती ने भारत में विवाद पैदा कर दिया था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय पक्ष ने कतर के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था।

विदेश मंत्रालय ने गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां सौंपने के संबंध में एक संक्षिप्त बयान में कहा, “हम इसके लिए कतर सरकार को धन्यवाद देते हैं।” बयान में कहा गया है, “हम कतर या अन्य देशों में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से सभी मामलों में स्थानीय कानूनों और नियमों का ईमानदारी से पालन करने की अपील करते हैं।”

मामला क्या है?

दरअसल, 23 अगस्त को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सिख समुदाय द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियों को कतर में जब्त करने के मामले का उल्लेख किया था। भारत सरकार ने इस मामले को कतर अधिकारियों के समक्ष उठाया। उन्होंने कहा कि कतर और दोहा में भारतीय दूतावास ने सिख समुदाय को घटनाक्रम के बारे में सूचित किया।

जायसवाल ने यह भी बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब की दोनों प्रतियां कतर के अधिकारियों ने इसलिए जब्त की गई क्योंकि उन्होंने कतर सरकार की मंजूरी के बिना धार्मिक प्रतिष्ठान चलाए। इस मामले में अब कतर के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अन्य पवित्र ग्रंथों का भी सम्मान किया जाएगा।

गौरतलब है कि कतर में धार्मिक प्रतिष्ठानों को चलाने के सख्त नियम हैं। हर किसी को इन नियमों का पालन करना जरूरी है। कतर में 8 लाख 35000 भारतीय नागरिक रहते हैं। यहां भारतीय ज्यादातर चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त और व्यवसाय के पेशे में हैं। कुछ भारतयी बड़ी संख्या में सरकारी पदों पर भी कार्यरत हैं।

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