छोटी-छोटी बातों पर शोर मचाने वाले आज चुप, किस पर भड़के जगदीप धनखड़?, देश न्यूज़
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गैर-सरकारी संगठनों(NGO’S) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वैसे देश की छोटी-छोटी घटनाओं पर शोर मचाने वाले संगठनों ने आज चुप्पी साध रखी है। वे आज शांत अवस्था में हैं। लेकिन में उनको बता देना चाहता हूं कि उनकी यह चुप्पी इस भयानक अपराध के आरोपी के कामों से भी ज्यादा बदतर है। ऋषिकेश के अखिल एम्स हॉस्पिटल में एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2012 में देश में निर्भया कांड हुआ था उस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। यह जो कोलकाता में घटना हुई है यह उससे भी ज्यादा बर्बर है।
धनखड़ ने कहा कि हमारे देश की बेटी ने जनता की सेवा करने के लिए न दिन देखा न रात देखी और उसके साथ हैवानियत की हद पार की गई। इस घटना के बाद पूरा देश गुस्से में हैं। मेडीकल से जुड़े लोगों की परेशानी हम समझ सकते हैं। इस घटना से सब दुखी हैं। धनखड़ ने कहा कि ऐसी बर्बर घटनाएं पूरे समाज को पूरी सभ्यता को शर्मसार कर देती हैं और उस आदर्श को भी खंडित करती है जिसके लिए हमारा भारत जाना जाता है।
इन घटनाओं का एक ही समाधान, कठोर से कठोर दंड- धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इन घटनाओं को लेकर कहा कि इनका केवल एक ही समाधान है, कठोरतम दंड। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी क्रांतिकारी, सुरक्षित प्रक्रिया लानी होगी, जिससे भविष्य में कभी भी मानवता की सेवा से जुड़े या किसी भी इंसान के साथ ऐसी घटना ना हो। न ही उन्हें किसी प्रकार का खतरा हो। उन्होंने कहा कि जिसने यह अपराध किया है वह इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही समाज भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता, उसे भी जिम्मेदारी लेनी होगी। हमें एक बेहतर समाज का निर्माण करना होगा।
धनखड ने फिर साधा कपिल सिब्बल पर निशाना, कहा- उन्होंने इसे लक्षणात्मक बीमारी कहा
धनखड़ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल पर नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि एक वरिष्ठ वकील ने इस घटना को लक्षणात्मक बीमारी बताया है, मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि कृपया करके अपने विचारों पर पुनः ध्यान दें और अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगे। उन्होंने कहा कि यह समय इस घटना को राजनीतिक चश्मे से देखने का नहीं है। राजनीतिक चश्मा आपकी निष्पक्षता को खत्म कर देता है। यह समय है कि इस समस्या को सुलझाया जाए और ऐसा कुछ किया जाए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।