उत्तर प्रदेश

दीक्षांत समारोह से पहले सीसीएसयू में एबीवीपी का ‘हल्ला बोल’, दीक्षांत समारोह से पहले सीसीएसयू में हुई दीक्षांत समारोह की धूम

. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षान्त समारोह से एक दिन पूर्व सोमवार को विश्वविद्यालय में बौद्ध दर्शन को मिला। अखिल भारतीय छात्र परिषद द्वारा बुलाए गए ‘हॉला बाउल कार्यक्रम’ पर नजर रखी गई, जहां विश्वविद्यालय द्वारा पहले से ही संस्था में फोर्स का गठन किया गया। इसके अलावा एबीवीपी के कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए युनिवर्सिटी क्षेत्र में पहुंचे। जहां उनका पितृ कार्यालय के पास भयंकर तूफान आया।

एबीवीपी के प्रांत मंत्री क्षमा शर्मा ने लोकल-18 को बताया कि संगठन के मानक ने 3 दिन पहले भी छात्रहितों को देखा था, 22 सूत्रीय सीमा लेकर विश्वविद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनसे किसी भी प्रकार की मांग नहीं की गई। एक नजर एबीवीपी द्वारा यह प्रदर्शन किया गया है। क्षमा शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी विभाग की छवि को स्वर्ण पदक के लिए फाइनल कराया गया था। लेकिन बाद में तय समय पूरा होने के बावजूद भी किसी और स्टार को गोल्ड मेडल की लिस्ट में शामिल कर लिया गया। जो कि सबसे बड़ी पोस्ट के साथ हिट है।

पर्यटक में हुई बड़ी धांधली
क्षमा शर्मा ने बताया कि इसी तरह विश्वविद्यालय में स्थित आस्ट्रेलियन में भी काफी बड़े स्तर पर धांधली हुई है। लेकिन यूनिवर्सिटी ने इसमें कोई सुधार नहीं किया. अभिनेत्रियों को जो कलाकारों में सहायक कलाकार उपलब्ध हो रहे हैं। इसमें 4 से 5 अभिनेत्रियों को रखा जा रहा है। जबकि संविधान के अंतर्गत केवल दो ही रहना चाहिए। इसी तरह से उन्होंने बताया कि लगभग 22 सूत्रीय मंत्र हैं। आपके लेकर एबी वीपीएन ने आज हल्ला बोला है।

चार कदम आने में 4 घंटे का समय लगा
विश्वविद्यालय में ए.बी.वी. के तत्वाधान में सुबह से चल रहे प्रदर्शन के बीच जब पैलेबर संगीत प्रोफेसर शुक्ला सॉल्यूशन। तो छात्र-छात्रा से बातचीत पड़े। इस दौरान विद्यार्थियों ने पूछा कि आने में 4 घंटे का समय क्यों लग गया। जबकि वह जिस स्थान पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वह चार कदम पर है. इन बातों को लेकर कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन एवं छात्रों के बीच नॉनक रिसर्च हुई।

विश्वविद्यालय में रेड एक्शन फ़ोर्स फ़ोर्स
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय में संबंधित सांख्यिकी निरीक्षकों के साथ-साथ आसपास की सुरक्षा पुलिस, आरएएफ की स्थापना की गई। मान्यता है कि 3 सितंबर को विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह है। जिसमें 200 से अधिक छात्र-छात्राओं को मेडल दिए गए। वहीं इस संबंध में विश्वविद्यालय के मुख्य प्रोक्टर प्रोफेसर वीरपाल सिंह ने लोक-18 से फोन पर बताया कि छात्र प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के बीच बातचीत का दौर जारी है।

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