मध्यप्रदेश

आईपीएस सक्सेस स्टोरी: पहली पोस्ट में ही अपराधी का सहयोगी, न किसी के लिए काल है ये अपराधी

आईपीएस कहानी: यह उदाहरण पिछले कई प्राचीनों से न समूह प्रभावित अलग-अलग सजावटी में स्थापित रहे हैं। अपने व्यवसाय में एसोसिएट्स वैल्युएट्स का खाकाटामा किया गया। वर्तमान में कई वर्षों से वह बस्तर जैसे नाजी क्षेत्र में आईजी के पद पर स्थापित हैं। बीएससी एग्रीकल्चर करने वाला यह लड़का पुलिस विभाग में कैसे आया। आइये जानते हैं उनकी कहानियाँ…

कौन है ये आरोपी
इस तस्वीर का नाम पी सुंदर राज है। पी सुंदर राज की कहानी भी दिल्च डॉक्टर है. सुंदरराज का जन्म 27 फरवरी 1980 को तमिल में हुआ, लेकिन जब यूपीएससी में सेल लेबल आया, तो दलित छत्तीसगढ़ कैडर का आलोचक बन गया। वह छत्तीसगढ़ कैडर के 2003 बैच के फुटेज हैं। डिज़ाइन शिक्षा के बाद पी. सुंदर राज ने एग्रीकल्चर से बीएससी तक की पढ़ाई की। इसके बाद उनका चयन वर्ष 2003 में यूपीएससी में हो गया।

छत्तीसगढ़ की पहली खबर
पी. सुंदर राज ने 5 सितंबर 2003 को भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन की। जब छत्तीसगढ़ कैडर मिला, तो चिप कोरबा जिले के स्पीच के रूप में मिरगी मिली। तब उसी वर्ष छत्तीसगढ़ को पुराने प्रदेश से अलग कर दिया गया था। पी. सुंदर राज ने कोरबा में ही क्लब नकेल कसाना से मुलाकात शुरू की। इस दौरान आर्किटेक्ट एक सपोर्टर ने भी काम किया, जिसे छत्तीसगढ़ कंसल्टेंट का पहला सपोर्ट भी कहा जाता है। वर्तमान में वह

कैसे किया अपराधी का खातमा
पी. सुंदरराज जब कोरबा के एसपी बने तो सूरत बिलासपुर के एक कुकियात अराधी चुन्नु गर्ग का नामांकन हुआ। असल में, चुन्नु गर्ग ने बिलासपुर के एक फॉर्म हाउस में डाकू एक पत्नी पाटनी को बंधक आश्रम की और कोरबा में किरायेदारी को बंधक बना लिया। राज्य पुलिस के साथ मिलकर एक नगर के सिपाहियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद पी सुंदर राज ने चुन्नु गर्ग का समर्थन कर दिया।

न रियासतली इलाके में ही रही सूक्ष्मजीव
एफ़पी पी. सुन्दर राज का अधिकांश न मसाअली इलाके में ही बीता। वह छत्तीसगढ़ के सरगुजा, कबीरधाम, राजनांदगांव, कोरबा आदि मूल निवासी यूरोप के द्वीप भी प्रभावित कर रहे हैं। वह वर्ष 2010 में जगदलपुर पुलिस के भी मुखिया रहे। इसके अलावा नारायणपुर, कोंडागांव आदि एशिया में भी रह रहे हैं। न तो संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले लोगों की अच्छी समझ होने के कारण जगदलपुर के एसपी के दौरान साओलोत दंतेवा और प्रभारी आईजी बस्तर को भी बनाया गया। वर्ष 2016 में पुलिस मुख्यालय में स्टेट स्टेट ब्यूरो के पद से उनका स्थान राजनंदगांव एसपी के पद पर रखा गया था। इसके बाद नवंबर 2022 में केंद्र सरकार में उनकी आईजी छवि दर्ज की गई।

2021 से आईजी के पद पर एसेट
बाद में पी सुंदर राज को 20 नवंबर 2021 को फॉरेस्ट रेंज का आईजी बनाया गया। तब से वह इसी पद पर हैं. व्युत्पत्ति: वह पहले ऐसे सहयोगी घटक थे, अकेले अकेले रहे तीन साल बाद भी नहीं किया गया। अभी वर्ष 2024 के चुनाव में निर्वाचन आयोग ने भी इसी पद पर रहना जारी रखा। इससे पहले यूक्रेन का साल 2018, 2019 का चुनाव भी शांति का संकेत है। हाल ही में एक इंटरव्यू में पी. ब्यूटीफुल राज ने कहा था कि उसके खिलाफ़ अंतिम लड़ाई जारी है यानी अब वह नपुंसकता के खिलाफ़ अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं।

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