कोलकाता

अपराजिता बिल बंगाल विधानसभा में क्या है खास; बीजेपी का त्योहार

पश्चिम बंगाल विधानसभा क्षेत्र में अपराजिता बिल सचिवालय से पास हो गया। इससे पहले विधानसभा में ग्रीष्मकालीन मौसम है। जहां एक तरफ ममता बनर्जी ने इस बिल को ऐतिहासिक बताया है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने इसमें संशोधन की जरूरत बताई है। ममता सरकार इस बिल को इसी प्रारूप में पेश करना चाहती है। नामांकन के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाए। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल ममता सरकार के पास लेकर आई है। शुभेंदु सरकार ने कहा कि बिल को लेकर हमारा पूरा समर्थन है, लेकिन हमें यह स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है कि इसे पेश करने की प्रक्रिया पूरी की गई है या नहीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल जल्द से जल्द साइन अप करें ताकि यह अमल में आ जाए।

अपराजिता बिल की खास बातें
”अपराजिता महिला एवं बाल सैलून, (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024′ शीर्षक वाले इस कानून का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराध से संबंधित नए सहयोगियों को शामिल करके महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है।

हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 अधिनियम और बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 को पश्चिम बंगाल राज्य में लागू करने के संबंध में इन्हें लागू करने का प्रस्ताव है, ताकि महिलाओं और महिलाओं को दंडित किया जा सके। बच्चों के खिलाफ हिंसा के जघन्य कृत्य की त्वरित जांच और अध्ययन के लिए स्टिलियन तैयार की जा सके।

बिल में 10 दिन के फाँसी का प्रस्ताव है। इसके तहत बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के समूहों को सामूहिक बलात्कार की सज़ा दी जाएगी।

जांच और अभियोजन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलावों की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि बलात्कार के मामलों की जांच के लिए 21 दिनों की प्रारंभिक रिपोर्ट पूरी तरह से जारी की जानी चाहिए, जो पूर्व की दो महीने की समय सीमा से कम है।

बार-बार अपराध करने वालों को सजा के लिए समूह में रखा जाएगा, जिसका अर्थ होगा कि शेष व्यक्ति को शेष भाग तक में रखा जाएगा।

अदालती कार्यवाही से संबंधित किसी भी सामग्री को तीन से पांच वर्षों तक बिना देखे या प्रकाशित किया जा सकता है।

इसके साथ ही जिला स्तर पर ‘अपराजिता कार्यबल’ बनाने का भी सुझाव दिया गया है, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक करेंगे। यह कार्यबल नए इंजीनियर के खिलाफ अपराध की जांच के लिए जिम्मेदार होगा।

क्या बोलीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ कहा कि 43 साल पहले इसी दिन 1981 में नेशन ने महिला अधिकार की रक्षा के लिए महिलाओं के सभी प्रकार के भेदभाव के आह्वान पर सम्मेलन के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक सुरक्षा समाज से लेकर छात्रों तक सभी का आह्वान करता हूं, जो महिला के लिए आवाज उठा रहे हैं। ममता ने बताया कि डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई थी। मेरे मृत डॉक्टर के माता-पिता से एक ही दिन की बात हुई, जिस दिन की घटना हुई, उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑड, वीडियो, सीसीटीवी फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने अपने साक्षा में कहा कि रविवार तक मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सका, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे अविश्वासियों को पकड़ लूंगा… पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य ग्राहकों को पकड़ लिया। मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में फांसी की सजा के लिए आवेदन करें, लेकिन मामला सीबीआई को दे दिया गया। अब हम अर्थशास्त्र से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।

ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे थे, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। बल्कि मुझे महिला एवं बाल विकास मंत्री की तरफ से जवाब मिला, लेकिन मुझे उनका जवाब भी प्रधानमंत्री को पता चला। जब चुनाव से पहले शॉपिंग मॉल में न्याय संहिता की मंजूरी दी गई थी। तब मैंने कहा था कि इसे माइक्रोसॉफ्ट में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, राज्य से निर्धारित नहीं किया जाना चाहिए। मैंने कई बार इस बात का विरोध किया कि इस बारे में राज्य में कोई सलाह नहीं ली गई, इसे सोसायटी, एसोसिएशन, सभी आश्रमों से चर्चा करें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए आज हम ये (विधिक) ला रहे हैं। आपको याद होगा, जिस तरह से आपने मेरा अपमान किया है, हमने कभी उस तरह का प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया है।

वहीं, पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम इस कानून के लिए जरूरी हैं। यह आपकी (राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। हम चाहते हैं, यह सरकार की जिम्मेदारी है। हम कोई डिविजन नहीं चाहते, हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री का आश्वासन आराम से सुनेंगे, वह जो ग्रेड कह सकते हैं, लेकिन आपको यह बायोडाटा होगा कि यह तुरंत लागू होगा।

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