जेल में बंद संगीतकार रशीद के नाम छोटे भाई ने रखा कदम, छोड़ दी नौकरी; लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर के बारामूला से न्यूनतम और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के मुख्य अभियंता अब्दुल रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने अपना पद छोड़ दिया है। उन्होंने वैशिष्ट्य सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन दिया था, जिस पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने विचार रखे हैं। अब ऐसी चर्चा है कि अहमद शेख आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। शेख 2003 से शिक्षक के पद पर थे। उनके उत्तरी कश्मीर में लैंगेट सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद है। इस सीट पर उनके भाई इंजीनियर रशीद चुनावी लड़ाई में उतरे थे।
स्कूल शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आलोक कुमार के आदेश में कहा गया है कि सरकार ने खुर्शीद अहमद शेख की शिक्षा दीक्षा को स्वीकार कर लिया है। आदेश में कहा गया है कि 01.09.2024 को खुर्शीद अहमद शेख के निर्देशन को मंजूरी दी गई है। ऑर्डर में कुछ स्टॉक रखे गए हैं, जिसमें कहा गया है कि विजीलेंस से क्लियरेंस जरूरी है।
लंगेट से पहले विधायक रहे और स्थिर समय में बारामूला से सांसद इंजीनियर अब्दुल रशीद राज्य और केंद्र सरकार के सहयोगी के आलोचक रहे हैं। उन्होंने साओची तिहाड़ जेल में बंद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप लगाए हैं। हाल ही में नेपोलियन के इंजीनियर रशीद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दो लाख के हमले में शेख बारामूला सीट पर कब्ज़ा कर लिया था। चुनाव के वक्त भी रशीद जेल में ही बंद थे। इस दौरान उनके नामांकन अभियान का नेतृत्व उनके और बेटे अबरार रशीद ने किया था। लोकसभा चुनाव में मिली समुद्री जीत से गदगद उनकी पार्टी ने अब कश्मीर की अलग-अलग विचारधाराओं में अपने उम्मीदवार उतारे हैं और अपना आधार और बढ़ाया रखा है।
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खुर्शीद अहमद शेख अपने भाई इंजीनियर रशीद के साथ कदमताल कर रहे हैं। इंजीनियर रशीद ने भी जम्मू-कश्मीर सरकार में इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी और दावेदार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। वे 2008 में लंगेट सीट से मुख्यमंत्री बने और उसके बाद 2014 में भी इसी सीट से चुनाव जीते। इसके बाद उन्होंने एआईपी का गठन किया। रशीद 2017 में बंधकों के वित्त पोषण मामले में बंधकों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से जेल में बंद हैं। रशीद का नाम क्रिस्टोफर छोटू जहूर वताली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था। वटाली को स्मारेस्टी ने कश्मीर घाटी में अपराधी और पर्यटक के वित्त पोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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शेख की राजनीति में अवक्षेप के आरोप लगाए जा रहे हैं कि इंजीनियर रशीद की पार्टी एआईपी भी वंशवादी राजनीतिक पार्टी बन रही है। हालाँकि, अहमद शेख ने कहा कि यह ‘पारिवारिक राज’ नहीं बल्कि ‘पारिवारिक त्याग’ है। उन्होंने कहा, “मैंने 15 साल की अपनी नौकरी छोड़ दी, यह वंशवादी राजनीति नहीं बल्कि त्याग का उदाहरण है। पार्टी जो भी काम करेगी, मैं उसकी तैयारी करता हूं।”
हाल ही में, कश्मीर के दो प्रमुख हस्तियां – पूर्व विधायक यासिर रेशी और कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष शेख आशिक भी एआईपी में शामिल हुए हैं। ये दोनों नेता भी क्रमशः सोनावारी और गैंडरबल पद से चुनावी लड़ाई लड़ेंगे। गांदरबल से उमर अब्दुल्ला के मैदान में हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। राज्य में 18 और 25 सितंबर और एक अक्टूबर को तीन स्टेज में वोटिंग होगी और 8 एवेस्टर्स को नतीजे मिलेंगे। पांच साल पहले एनोटेशन 370 का तलाक होना और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है।