महाराष्ट्र

राहुल गांधी की रैली में शामिल नहीं हुए संयुक्त राष्ट्र के युवा नेता, सीएम के चेहरे पर जोरदार रैली के बीच झटका

नेता कांग्रेस राहुल गांधी ने आज से महाराष्ट्र के सांगली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार की शुरुआत की। इस दौरान कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन करना चाहती थी, लेकिन इसमें विधानसभा चुनाव के नेता युसुव टाकर शामिल नहीं हुए। उनके इस प्रोग्राम में ना आने को अलायंस में सीएम पद के लिए कैंडिडेट्स पर रेजोल्यूशन से कमोबेश देखा जा रहा है। वहीं राहुल गांधी ने सांगली में शैतान को चित्रित किया और महाराष्ट्र के दिवंगत मंत्री पतंगराव कदम की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। समाजवादी पार्टी के नेता गांधी महाराष्ट्र के एक दिव्य दौरे पर हैं। इससे पहले एक दिन में गांधी ने नांदेड़ में न्यूनाधिक वसंत चव्हाण के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की थी।

इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सांगली आए, जहां उन्होंने वांगी में कीटराव स्टेप की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। गांधी विचारधारा के नेताओं को एक संग्रहालय भी समर्पित किया गया। इसके बाद उन्होंने सांगली में एक दरवाजे का जिक्र किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (सपा) के प्रमुख शरद पवार, इसकी राज्य इकाई के प्रमुख जयन्त पाटिल और राज्य से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस संगठन में उपस्थित थे।

युसुथ टेकर हालांकि दस्तावेज में मौजूद नहीं थे। अहम बात यह है कि उद्धव ठाकरे से उनकी पार्टी का कोई और नेता भी बात नहीं कर रहा था। पिछले वीक स्टेप के पुत्र एवं नेता विश्वजीत स्टेप ने कहा था कि ठाकुर ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण इसमें शामिल होने की पुष्टि नहीं की है। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (सपा) और कांग्रेस पार्टी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीई) का हिस्सा हैं।

गठबंधन में शामिल नहीं होना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल ने सांगली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में हार दी थी। इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस विधानसभा चुनाव से पहले एमवी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी, लेकिन शरद पवार और कांग्रेस इस पर एकमत नहीं हैं।

पावर ने रविवार को कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होंगे, फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एमवी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर इस आधार पर तय किया गया है कि कौन सी पार्टी सबसे अधिक सीट पर बैठेगी। बीजेपी (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकुर ने हालांकि कहा है कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर कोई धार्मिकता नहीं है।

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