महाराष्ट्र

चुनाव के पहले क्या झटका लगा अजिता समर्थक, बैनर पॉलिटिक्स से महायुति में हलचल; महाराष्ट्र में क्यों मची है तबाही?

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पदस्थापित महायुति के अजित पवार को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। अजित राइट ने शरद शरद के साथ मिलकर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र के साथ हाथ मिलाया था और महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। अब अजीत राइटर की वजह से ऐसी चर्चाएं हैं कि महायुति में छोटी सहजा नहीं हैं। अब अजित तन की गुड़िया और महायुति के अन्य साथी – एकनाथ शिंदे की पार्टी और बीजेपी के बीच बैनर पॉलिटिक्स को लेकर ताकत बढ़ गई है, जो आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति के लिए नई चुनौती बन गई है।

सीवेसी के उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई ने युवतियों और उनके अध्यक्ष अजीत पर आरोप लगाया है कि ‘मुख्यमंत्री माझी गर्ल बहन’ योजना के प्रचार के लिए अधिकारी ने शिंदे का नाम हटा दिया है। डेज़ी का कहना है कि इस योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द को रिकॉर्ड के खिलाफ बताया गया है और यह विधानसभा के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा, “योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री’ के साथ है, और इसका नाम अनुचित है। यह राज्य सरकार की योजना है और इसे सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।”

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के 300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास महीने का समापन किया गया। इस महोत्सव के झंडे पर भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मजदूर भाई-बहन की तस्वीरें नदारद थीं। इसके खिलाफ बीजेपी के पूर्व नेता जगदीश मुलिक ने स्टोयत्रिएस्ट का विरोध किया है।

मलिक ने सवाल उठाया, “क्या सिर्फ बीजेपी, बीजेपी और आरआरएस (ए) को ही गठबंधन धर्म का पालन करना होगा और अन्य को नहीं?” 18 अगस्त को जुन्नर में स्थानीय भाजपा नेताओं ने अजीत समर्थक के ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान काले झंडे उठाये। क्योंकि इस यात्रा के बैनरों पर शिंदे और परिवार की तस्वीरें नहीं थीं। ये बैनर स्थानीय संगीतकार अतुल बेंके द्वारा अवैध अधिकारियों के साथ पर्यटन पर बैठक के लिए लगाए गए थे।

चुनाव से पहले राजकुमारियों और महायुति के अन्य सहयोगियों के बीच गठबंधन की दिशा कौन सी ओर तय होगी तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर इस बीच दस्तावेज़ी देवेन्द्र ने टीवी9 मराठी कॉन्टिनेंटल दावे में बिगुल महायुति, अजिता दावा, विधानसभा चुनाव जैसे कई समर्थकों पर टिप्पणी की। आपसे पूछा गया कि क्या आपने अजित पावर के साथ गठबंधन किया है? इस पर देवेन्द्र जीवट ने जवाब देते हुए कहा कि ये समय की मांग थी।

वाइट ने कहा, ”यह नहीं कहा जाएगा कि अजिताभ ने अपने साथ गलत किया था।” यह समय की जरूरत थी, इसलिए समय की जरूरत होने पर अगर मौका मिलता है तो हम कैसे जाने देते हैं।” मजदूर ने जोर देकर कहा कि महायुति से बाहर नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि हम किसी तरह की विधानसभा में भी साथ हैं।

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