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कोलकाता मेरा डॉक्टर केस से कोई कनेक्शन नहीं, डॉक्टर संदीप घोष बोले, ‘काम ही…’

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आरजी कर कॉलेज के एंटरप्राइज़ संदीप घोष पर नासिक के शिकंजे में हैंलेकिन एक और डॉक्टर संदीप घोष के लिए इस बीच परेशानी खड़ी हो गईलोगों ने उन्हें कहीं-कहीं वी.वी.कड़ी-कटी बातें बताईं, हालांकि वे खीरी स्थानों से एक ही बात कहते थे

कोलकाता डॉक्टर म्युचुअल-रेप केस के खिलाफ ताजा अपडेट में कहा गया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व मालिक संदीप घोष के घर पर अभी भी एमडी की बदनामी हो रही है, जहां एक फर्म के प्लांट के तहत केस दर्ज किया गया है। लेकिन इन केसन और इससे जुड़े अन्य साथियों से इतर एक संदीप घोष के लिए इन दिनों जिंदगी बेहद मुश्किल से गुजर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर अपने नाम के आगे कुछ ऐसा लिखा है कि अब पहले से थोड़ा कम लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं.

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के आधी रात को रेप और पब्लिक के वीभत्स केस के बीच कॉलेज के स्टूडेंट संदीप घोष पर ग्रेजुएट के शिकंजे में हैं। लेकिन इस संदीप घोष का इस संदीप घोष से खास लेना नहीं है हालांकि उदाहरण के लिए कई बार लोगों की कड़वी बातों का शिकार होना पड़ रहा है।

दोनों कॉमनवेल्थ में यह है कि दोनों का पूरा नाम संदीप घोष है और दोनों एक ही डॉक्टर से हैं। ये हैं संदीप का कहना है कि कई लोगों की तरह मैंने भी आरजी केस के विरोध में फेसबुक की आईपी से तस्वीरें हटा दी थीं और एक पोस्ट लगाया था। इस पर ‘जस्टिस फॉर आरजी कर’ लिखा था। कई लोगों ने मुझे संदीप घोष समझा और कई कठोर बातें कहीं।

संदीप घोष ने नाम के आगे ‘नॉट द मास्टर’ लिखा… दर्ज कर लिया
मुर्शिदाबाद के संदीप ने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल का नाम बदल दिया। डॉक्टर संदीप घोष ने अब ऐहतियान अपने नाम के आगे ‘नॉट द मास्टर’ लिखा है। एकल येशी संदीप का फेसबुक नाम है। हालांकि संदीप कहते हैं, ‘वह (आरजी कर के पूर्व निदेशक) एक निजी व्यक्ति हैं.. लेकिन इसके लिए मुझे अपना नाम लेकर कोई पछतावा नहीं है… मेरा नाम मेरे माता-पिता ने रखा था… मेरा काम मेरे नाम को सही साबित करता है’ ‘इ.’

कभी मुर्शिदाबाद में ही थे रेलवे कर के उद्घाटित संदीप…
लोकल न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक हॉस्पिटल में जूनियर रेजिडेंट हैं ये डॉक्टर संदीप घोष। 2017 में कैंडी के पास एक गांव सबलपुर में साउदीन संदीप को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। संयोग से, संदीप घोष, जो वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में हैं, मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में आर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख थे। वह मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज से जब शिफ्ट आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सामने आ गये थे.

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जॉइंट फ़ैमिली में पले बढ़े और ताइक्वांडो चैंपियन हैं…
नेमसेक संदीप घोष ताइक्वांडो के चैंपियन हैं। वे दो बार के स्टेट चैंपियन रह चुके हैं। संयुक्त परिवार में रहते हैं और अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। पिता गांव में छोटी सी दवा की दुकान चलाते हैं। संदीप शान से और वकील कहते हैं, ‘मैं अपनी रीढ़ की हड्डी कभी किसी के पास नहीं रखूंगा।’

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