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Bajaj Housing Finance IPO open tomorrow 9 sept price band 70 rupees gmp surges 76 percent premium 9 सितंबर से खुल रहा चर्चित कंपनी का IPO, प्राइस बैंड ₹70, ग्रे मार्केट में 76% मुनाफे के संकेत, बिज़नेस न्यूज़

बजाज हाउसिंग फाइनेंस आईपीओ: बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ कल यानी 9 सितंबर से निवेश के लिए ओपन हो रहा है। निवेशक इस इश्यू में 11 सितंबर तक पैसे लगा सकते हैं। बजाज हाउसिंग फाइनेंस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 66-70 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। यह आईपीओ 6,560 करोड़ रुपये का है। बड़े (एंकर) निवेशकों के लिए यह इश्यू 6 सितंबर को खुला था। प्रस्तावित आईपीओ में 3,560 करोड़ रुपये तक के नए शेयर और पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस के 3,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री पेशकश (ofs) शामिल है।

क्या है डिटेल

शेयर बिक्री भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का पालन करने के लिए की जा रही है। इसके तहत ऊपरी स्तर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सितंबर, 2025 तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना जरूरी है। नए निर्गम से प्राप्त आय का इस्तेमाल कंपनी का पूंजी आधार बढ़ाने के साथ भविष्य की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। बजाज हाउसिंग फाइनेंस सितंबर, 2015 से नेशनल हाउसिंग बैंक के साथ पंजीकृत आवास वित्त कंपनी है।

क्या चल रहा GMP?

Investorgain.com के मुताबिक, बजाज हाउसिंग फाइनेंस आईपीओ ग्रे मार्केट में 76% प्रीमियम पर उलपब्ध है। ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयर 53 रुपये प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। इसका मतलब है कि कंपनी के शेयर 123 रुपये पर संभावित लिस्ट हो सकते हैं और लकी निवेशकों को पहले ही दिन 75.71% का तगड़ा मुनाफा हो सकता है। बता दें कि कंपनी के शेयरों की संभावित लिस्टिंग डेट 16 सितंबर है।

कई बड़ी एनबीएफसी के आईपीओ लाने की उम्मीद

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ लाने के बाद एक साल के भीतर कम से कम तीन और ‘‘उच्च स्तरीय’’ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। आरबीआई की अनिवार्य सूचीबद्धता की शर्त को पूरा करने के लिए इन एनबीएफसी को आईपीओ लाना होगा। निवेश बैंकरों ने बताया कि टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (एचडीएफसी बैंक की एनबीएफसी शाखा) और आदित्य बिड़ला फाइनेंस वे तीन एनबीएफसी हैं जिनके आईपीओ लाने की संभावना हैं।

आनंद राठी एडवाइजर्स के निवेश बैंकिंग निदेशक सचिन मेहता ने कहा, ‘‘ पूंजी बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले व्यवसायों के लिए मांग को देखते हुए तथा मूल्यांकन के अधीन हम निश्चित रूप से कई एनबीएफसी को सूचीबद्ध होते देखेंगे। यह अपेक्षित भी है…न केवल आरबीआई की सूचीबद्ध होने की आवश्यकता पूरा करने के लिए, बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह कंपनी के सूचीबद्ध होने के बाद उसकी वृद्धि के लिए धन जुटाने की क्षमता भी बनाए रखेगा।’’

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