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दिल्ली एयरपोर्ट: फोन पर लगातार बात हो रही है भारी, बेनकाब हो एयरपोर्ट का ‘विभीषण’, 8 एअरपोर्ट

दिल्ली हवाई अड्डा: अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कुछ यात्रियों को लगातार फोन पर बातें करना बहुत महंगा पड़ा। फोन पर लगातार लंबी-लंबी बातें और फिर कुछ अजीब सी हरकतों ने यात्रियों को गंतव्य के पीछे पहुंचा दिया। यह चुनौती पर नहीं रुका. इन यात्रियों की निशानदेही पर पहले एक रिलायंट लोगों को गिरफ्तार किया गया था और अब एक-एक कर दो सराफा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अब तक कुल सात गिरफ्तार हो चुके हैं। ये है ये कॉल और इन गिरफ्तारियों का रिश्ता, आइए जानते हैं आगे…

एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वैरी ट्रस्टी अधिकारी के अनुसार, सुबह करीब 10:40 बजे फैक्ट्री में सीआईएसआई एसआई एसआई टीम टर्मिनल थ्री के आउट रूटीन गॅरेशन पर थी। इस टीम में सीआई एसएफ के सब शिपयार्ड लेबल संदीप कुमार, हेडकॉन सुपरमार्केट लेबल संदीप कुमार और कॉन्स्टेंट लेबल मोनिक कुमार भी शामिल हैं। इसी बीच, सीआईएसएफ स्पेशलिटी की इस टीम की ओर से चार बाहरी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन चार यात्रियों के चेहरे पर मौजूद बातचीत और हुंचीहाट को पढ़ने में साइंटिस्ट टीम ने देर नहीं की।

सीआई सुरक्षा बल की टीम ने पाया कि चारों ओर एक यात्री लगातार फोन पर न केवल बात कर रहा है, बल्कि दूसरी तरह से गहन निर्माण कार्य भी कर रहा है। इन प्रतिक्रियाओं को देखने के बाद सिक्योमोरियोरिटी ऑपरेशन कंट्रोल रूम (एसओएसओसीसी) में एस्टीमेट एएसआई सीमेंट सब-इन-क्रिमिनल एसोसिएटर (सीआईएसएफ) अजित कुमार को असिस्टेंस रिसर्चर के माध्यम से चारों ओर इन-पर्सोल्यूशन रिटेनमेंट के लिए कहा गया। कुछ ही समय बाद इन यात्रियों का फोन एक बार फिर बजा और चार गेट नंबर से टर्मिनल में पदयात्रा हो गया। चेकइन, आप्रवासन और प्री-इनबार्केशन सिक्योमोरियोरिटी चेक (पीईएससी) की प्रक्रिया पूरी तरह से चारों ओर सिक्योमोरिटी हो क्षेत्र में पहुंच गई।

इस बीच सामने आए दूसरे फोन पर बात न केवल कॉन्स्टैंट जारी थी, बल्कि ये सभी कॉन्स्टैंट से आ रहे ऑडर्स को फॉलो कर रहे थे। अब तक सैथियो टीम का मतलब यह था कि इन चारों ओर के साथ कुछ न कुछ समानता है। इस दौरान पता चला कि पहले पूरे क्षेत्र में बोर्डिंग गेट नंबर 15 और फिर वहां बोर्डिंग गेट नंबर 20बी की दिशा में कुछ देर तक बढ़ोतरी की गई। इसी बीच, एक एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग से जुड़े एक स्मारकटाफ को एक साथ देखा गया। टीम को पता चला कि चारों ओर न्यूजीलैंड का सही समय आ गया है।

फर्म, एसआईटी टीम ने चारों यात्रियों को रोककर बातचीत शुरू की। बातचीत के दौरान, चारों तरफ से पासपोर्ट उत्तर नहीं मिला, इसके लिए चारों तरफ से न्याय लेकर पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ में हरमनजोत सिंह, जयवीर सिंह, दिलशेर सिंह और कुल परिचित सिंह के रूप में पहचान हुई। वहीं इसके साथ ही एयरपोर्टसी ग्राउंडिलिंड डॉयटाटाफ की पहचान सलमान अब्बा के रूप में हुई। इसके बाद इन पांचों ने जैसे-जैसे खुलासा करना शुरू किया, सीआईएसएफ अधिकारियों की ताकत बढ़ती गई।

पूछताछ के बाद, सीआईएसएफ ने हवाईअड्डे के ‘विभीषण’ सलमान खान की हवाईअड्डे की पुलिस पर नजर रखी। वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ सीआईएसएफ की शिकायत पर धारा 420/468/471/120बी के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की खुफिया पूछताछ में पता चला कि एयर इंडिया की सभी फ्लाइट एआई-113 बर्मिंघम से आईजीआई एयरपोर्ट क्षेत्र के लिए रवाना हुई थीं। बर्मिंघम तक के जर्नी परमजीत सिंह ने एक एजेंट एजेंट ने अरेंज की थी नामक कंपनी बनाई।

जांच में यह बात भी सामने आई कि परमजीत ने बर्मिंघम के मजदूरों में हर यात्री से 22 लाख रुपए की लूट की थी। इन अराउंड ने एडवांस के तौर पर 10 लाख रुपये का भुगतान किया था, बाकी का भुगतान बर्मिंघम पहुंचने के बाद किया गया था। बर्मिंघम डिस्पैच के लिए परमजीत ने इन चारों के लिए कॉन्टिन्यूस डिसएस्पैक्ट सोसायटी (सीडीसी) का भी चयन किया था। इसीसी सीडी के माध्यम से इन चारों ने अपनी आप्रवासन जांच पूरी कर ली थी। गनीमत रही कि चारों ओर फ़्लाइट में बोर्डिंग से पहले सीआई एसएफ ने चारों ओर धार न्यूज़ा से संपर्क किया।

आईजीआई एयरपोर्ट की शौक़ीन उषा रंगनानी के मुताबिक, इस मामले में छठवीं गिरफ़्तार एयरपोर्ट एयरपोर्ट शहनवाज़ की हुई। इसके बाद केस के मास्टर माइंड परमजीत सिंह की तलाश शुरू हुई। वेल्स डेज की टीम ने परमजीत को पंजाब के बहादुरपुर से गिरफ्तार किया था। परमजीत से पूछताछ में प्रदीप नामक एक नए शख्स के नाम का खुलासा हुआ। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस मामले में पंजाब के वैभवपुर से हुए आठवें अपराधी को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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