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यूपी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, जानिए क्या है इस फैसले का असर

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है, जिसमें राज्य सरकार को इस भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर नई सूची तीन महीने में तैयार करने का निर्देश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक 25 सितंबर तक के लिए लगाई है. साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार और हाईकोर्ट में पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए अधिकतम सात पृष्ठों में अपना लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह मामला आरक्षण को लेकर उठाए गए मुद्दों से जुड़ा हुआ है, जिसने हजारों अभ्यर्थियों की नौकरी को अधर में लाकर खड़ा कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों को सही तरीके से लागू न करने के आधार पर मेरिट लिस्ट को अवैध घोषित कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नई मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया था, जिससे हजारों अभ्यर्थियों की नौकरी पर संकट मंडराने लगा था.

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क्या नौकरी पर है खतरा?

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद नौकरी कर रहे शिक्षकों के मन में इस बात को लेकर संशय था कि क्या उनकी नौकरी जा सकती है. हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता पाई थी, जिससे सामान्य वर्ग के चयनित उम्मीदवारों पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना थी. नई मेरिट सूची आने से उन्हें बाहर होने का डर सता रहा था.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेरिट लिस्ट पर रोक लगाए जाने के बाद चयनित उम्मीदवारों को कुछ राहत मिली है. उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में हो सकता है, जिससे उनकी नौकरी सुरक्षित रह सकेगी. लेकिन अभी अंतिम फैसला आना बाकी है, इसलिए स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है.

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आगे क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी, जिसमें इस मामले पर गहन विचार किया जाएगा. यदि सुप्रीम कोर्ट आरक्षण नियमावली और मेरिट सूची को लेकर संतुष्ट नहीं होता, तो वर्तमान में नौकरी कर रहे शिक्षकों के लिए राहत की खबर हो सकती है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी मौजूदा शिक्षक की नौकरी इस शैक्षणिक सत्र में नहीं जाएगी, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े. अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि क्या 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बदलाव आएगा या अभ्यर्थियों की नौकरी सुरक्षित रहेगी.

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