‘नंबर प्लेट हटाई गई, सीसीटीवी फुटेज डिलीट’; संजय ने कहा- गृह मंत्री निवास के लिए उपयुक्त नहीं, महाराष्ट्र न्यूज़
विपक्ष (उद्धव बालासाहब ठाकुर) के सांसद संजय अमिताभ ने मंगलवार को कहा कि उन्हें राज्य के गृह विभाग का नेतृत्व करना उचित नहीं है और जब तक वह इस पद पर हैं तब तक किसी भी मामले में शामिल नहीं हैं। जांच संभव नहीं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के बेटे के नाम पर पंजीकृत एक लग्जरी कार से हुई दुर्घटना के एक दिन बाद यह हमला हुआ। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में दुर्घटना के संकेत दिए गए हैं।
बावनकुले बेटे के संकेत की ऑडी कार ने सोमवार को नागपुर के रामदासपेठ इलाके में कई सोसाइटी को टक्कर मार दी थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाड़ी चालक अर्जुन हावरे को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। पुलिस के अनुसार गाड़ी को दुर्घटना के समय ड्राइव कर रहे रोनित चित्तावर नामक युवक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि क्रूज कार में सवार लोग धरमपेठ इलाके में एक बीयर बार से लौट रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा कि इनवेस्टमेंट ट्रायल में चार के रक्त का परीक्षण भी किया जाएगा ताकि पता चल सके कि दुर्घटना के समय वे कहीं नशे में तो नहीं थे। अधिकारी ने कहा, ‘लापरवाही से गाड़ी चलाने और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया है।’ ‘सिग्निशन बावनकुले और मनकापुर पुल पर कथित तौर पर आरोप लगाने वाले दो अन्य लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’
अविश्वास ने यहां समूह से बातचीत में मामले की जांच को लेकर अर्थशास्त्र पर आधारित किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे पर कथित तौर पर नशा करने का आरोप लगाया गया था। उसकी कार में छह अन्य गाड़ियों की टक्कर हो गई और चार लोग घायल हो गए, जिनमें से दो नागपुर के एक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।’ शैतान ने कहा कि स्कोडा की बात है कि उसमें उसका नाम नहीं है और दुर्घटना के बाद कार का नंबर प्लेट हटा दिया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बावनकुले के बेटे ने अपनी कार से दो बार टक्कर मारी (दूसरी कड़ियाँ को), लेकिन बंगले का फुटेज हमेशा की तरह हटा दिया गया।’ यदि कार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले या उनके पुत्रों का नाम पंजीकृत है, तो नंबर प्लेट क्यों हटा दी गई है? प्रिंस (बावनकुले का बेटा) कार चला रहा था। लेकिन जब दुर्घटना हुई तो दिखाया गया कि ड्राइवर (कोई दूसरा व्यक्ति) गाड़ी चला रहा था। इस मामले को बढ़ावा देने की कोशिश है।’ बैतूल ने यह भी दावा किया कि बावनकुले का बेटा ‘लाहौरी बार’ था। उन्होंने कहा, ‘आप अस्सिटैलिटी खोजकर्ता देख सकते हैं कि शराब कौन पी रहा था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब आप उस बार के हैशटैग्स मिलेंगे।’
सोसायटी सदस्य ने कहा कि यदि सामूहिकता वाले प्रभावशाली तरीके से गृह विभाग का नेतृत्व विफल रहता है तो वह इस पद के लिए उपयुक्त नहीं है। बैतूल ने दावा किया, ‘कार बावनकुले का नाम पंजीकृत है और सभी प्रमाण पत्र दिए गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक निजी गृह मंत्री हैं और रश्मि शुक्ला पुलिस प्लांट हैं, राज्य में किसी भी मामले में कभी भी अधिकारियों की जांच नहीं होगी।’ बैतूल ने कहा कि यह एकमात्र चन्द्रशेखर बावनकुले की भूमि नहीं है, बल्कि राज्य की विरासती कानून व्यवस्था को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सभी को समान न्याय पर जोर देते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘अगर किसी की ओर से किसी ने दुर्भाग्य से ऐसा अपराध किया तो दैवीय समुदाय और बावनकुले के समर्थक हमारी अगली कड़ी की आलोचना करते हैं। इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि बावनकुले का बेटा इस मामले में प्रमाणित है।’ शैतान ने कहा, ‘क्या यही देश का कानून है? ‘ उन्होंने कहा, ”आप राज्य के गृह मंत्री हैं। आप सभी के साथ समान व्यवहार करने की संविधान की शपथ लेते हैं। लेकिन इस राज्य में गरीबों के लिए अलग और आपकी पार्टी के नेताओं के रिश्तेदारों के लिए अलग-अलग अल्पसंख्यक हैं।”
शैतान ने कहा, ‘आप हमारे खिलाफ केस दर्ज करेंगे, आप हमें जेल में भी डाल देंगे लेकिन आप लोगों को कुचलने के बाद भी मजे से भाग जाएंगे। यह किस तरह का न्याय है?’ नागपुर के सीताबाल्डी स्टेशन के एक अधिकारी के अनुसार, ऑडी कार ने रविवार देर रात एक बजे एक टक्कर मारी और फिर एक मोपेड को टक्कर मार दी, जिससे उस पर सवार दो युवक घायल हो गए। उन्होंने कहा, ‘ऑडी कार ने मनकापुर इलाके की ओर जा रहे कुछ और साथियों को टक्कर मारी।’ वहां टी-प्वाइंट पर व्हीकल ने एक पोलो कार को टक्कर मार दी। सवार लोगों ने ऑडी कार का पीछा किया और मनकापुर पुल के पास उसे रोक लिया। ‘उन लोगों ने ऑडी चालक अर्जुन हावरे और रोनित चित्तमवार नामक दो लोगों को रोक लिया।’
घटना के बाद चन्द्रशेखर बावनकुले ने स्वीकार किया कि ऑडी कार में उनके बेटे के हस्ताक्षर का नाम पंजीकृत है। उन्होंने कहा, ‘पुलिस को किसी भी तरह की दुर्घटना की गहराई और वैज्ञानिक जांच के बिना जांच करनी चाहिए।’ जो लोग दोषी पाए गए हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उनकी कार्रवाई की जानी चाहिए। मैंने किसी पुलिस अधिकारी से बात नहीं की है। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।’