कोलकाता

लाइव टेलीकास्ट नहीं, 15 रथ डेलिगेशन; क्या है ममता बनर्जी से वकील की मुलाकात?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और राजधानी केश के बाद से ही प्रदर्शन चल रहा है। विरोध जताने वाले अस्पताल के जूनियर वकीलों को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने नया पत्र भेजा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से शाम पांच बजे तक बातचीत करने के लिए कहा है। इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने नये पत्र में दार्शनिकों के गुट की संख्या 15 तक सीमित कर दी है। हालाँकि, जो लाइव टेलीकास्ट करने की माँग की गई थी, उस बैठक में डॉयचेर्स ने इसे अस्वीकार कर दिया। ट्रांसपेरेंसी के लिए रिकॉर्डिंग करने की अनुमति दी गई है। हालाँकि, अब तक यह तय नहीं है कि कौन सा डॉक्टर मीटिंग में जाएगा या नहीं।

डॉक्टर सॉल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं और रेप स्टंट के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। रिपाल्ट का शव 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मिला था। इसके बाद सिर्फ कोलकाता में ही नहीं, बल्कि पूरे यूनेस्को में उग्र विरोध प्रदर्शन किया गया। आज विरोध का 34वां दिन है। रविवार को सरकार द्वारा बातचीत के लिए आमंत्रित किए गए पत्रकारों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति और लाइव प्रसारण की शर्त रखी थी।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक बयान में कहा, ”हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और काम बंद कर देंगे। लेकिन, हम इसे जारी नहीं रखना चाहते थे। यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारे आंदोलन के पीछे कोई राजनीति नहीं है।” जूनियर आशिक ने महिला स्वास्थ्य मंडल की सुरक्षा बढ़ाने और कथित कुप्रबंधन के मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल के ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की जांच कॉलेज हाई कोर्ट के आदेश केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।

इस बीच, राज्य सरकार ने आज अपने सचिवालय नबन्ना में एक उच्च नियुक्त किया, जिसमें सभी जिला मजिस्ट्रेट और विधानमंडल के अध्यक्ष उपस्थित थे। राज्य सरकार द्वारा पिछले दो दिनों में आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं से दो बार जो कि विफल होने का प्रयास किया गया। वरिष्ठ वकील ने अपने कनिष्ठ चिकित्सक के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर किसी को निलंबित किया गया तो वरिष्ठ डॉक्टर भी सरकारी विशेषज्ञ के साथ लौकिक रोग विभाग में काम करना बंद कर देंगे। इससे पहले राज्य की स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने शनिवार शाम को जूनियर वकीलों के साथ बातचीत को खारिज कर दिया था और उन्हें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की याद दिला दी गई थी, जिसमें वकीलों को फिर से काम शुरू करने का निर्देश दिया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *