क्या कोरोना मर्दों को बना रहा है नपुंसक? रिसर्च में सामने आया डराने वाला सच, पर इससे बचने का क्या है ऑप्शन
कोविड-19 ने पुरुष प्रजनन क्षमता को नष्ट किया: कोविड-19 के दस्तक को करीब 4 साल होने वाला है लेकिन इसकी दहशत अब भी लोगों के दिलो-दिमाग में बसी हुई है. हम सब जानते हैं कि कोरोना नई बीमारी है, इसे लेकर इसके बाद से कई रिसर्च हुई हैं और हो रही हैं. कुछ रिसर्च में जो तस्वीर सामने आ रही है वह बेहद डराने वाला है. PLOS वन की एक नई स्टडी में अब यह बात सामने आई है कि जिन मर्दों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया था, उनपर नपुंसकता यानी इंफर्टिलिटी का खतरा मंडराने लगा है. इस स्टडी से दुनिया भर के वैज्ञानिकों में चिंता है.
टेस्टिस में घुसकर कर सकता है बर्बाद
टीओआई की खबर के मुताबिक इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमित पुरुषों के स्पर्म (वीर्य) वाले हार्मोन को प्रभावित करने लगा है. इसके कारण वीर्य की गुणवत्ता खराब होने लगी है. इसका लंबे समय तक प्रजनन शक्ति पर असर पड़ने का भी खतरा है. हालांकि कोरोना के वायरस संक्रमित हर मनुष्य के हार्ट, किडनी, लंग्स और अन्य अंगों पर असर डाला है लेकिन स्टडी से यह बात सामने आई है कि इस वायरस का असर टेस्टिस (पुरुषों का वृषण) पर सबसे ज्यादा है. टेस्टिस में ही स्पर्म और प्रजनन के लिए आवश्यक हार्मोन बनता है. पीएलओएस ने विश्लेषण में पाया कि कोरोना के वायरस शरीर में घुसकर ACE-2 रिसेप्टर के साथ खुद को एटैच कर किडनी, टेस्टिस, हार्ट, लंग्स और शरीर के अन्य अंगों में बस गए हैं. टेस्टिस में यह घुसकर वहां इंफ्लामेशन को बढ़ा देता है, इससे ऑकाइटिस की बीमारी हो सकती है. ऐसा उन मर्दों में हो सकता है जिन्हें पहले कोरोना हुआ है. इन सब कारणों से टेस्टिस में हार्मोन लेवल कम हो जाता है. इससे स्पर्म भी कम बनने लगता है और स्पर्म क्वालिटी भी बहुत खराब होने लगती है.
स्पर्म की गुणवत्ता में हर तरह से कमी
इस स्टडी में 40 विभिन्न तरह के अध्ययनों का विश्लेषण किया गया. विश्लेषण में पाया गया कि जो मर्द कोरोना से संक्रमित हुए थे उसके स्पर्म में कई तरह की खराबियां आ गई. उसकी क्षमता में बहुत कमजोरी आ गई है. यहां तक कि स्पर्म की सघनता और मात्रा में कमी आ गई है. कोरोना से पहले स्पर्म की जैसी गुणवत्ता थी, उतनी नहीं है और इसका इजेकुलेशन वॉल्यूम भी कम हुआ है. हालांकि कुछ पुरुषों में इलाज के बाद इसमें थोड़ा-बहुत सुधार हुआ लेकिन इसके बावजूद कोरोना के पहले वाले लेवल पर पहुंच नहीं पाया. दरअसल, अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए स्पर्म की गुणवत्ता और उसकी गतिशीलता अच्छी होनी चाहिए. ऐसे में अगर यह सही नहीं होगा तो बच्चे होने में दिक्कत हो सकता है. कुछ पुरुषों ने कोरोना के तुरंत बाद ही डॉक्टर के पास इस शिकायत से पहुंचने लगे कि उनका स्पर्म पहले जितना निकलता था, उसमें भारी कमी आ गई है.
करना क्या चाहिए
इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना वायरस ने मनुष्य को हर तरह से सताया है. चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक लेकिन अगर यह लंबे समय तक लोगों को सताएगा तो यह बड़ी चिंता की बात है. एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना के लंबे समय तक दुष्प्रभाव से बचने के लिए वैक्सीन कारगर उपाय है लेकिन अगर संक्रमित मर्दों को स्पर्म से संबंधित कोई परेशानी है तो इसे गंभीरता से लेनी चाहिए और उन्हें डॉक्टरों से संपर्क करनी चाहिए.
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पहले प्रकाशित : 13 सितंबर, 2024, 11:58 IST