पेट में हल्का सा दर्द भी हो सकता है गॉलब्लैडर में पथरी का कारण, शुरुआत में पहचान लिए तो मुश्किलें होगी आसान
पित्त पथरी की समस्या: छाती से लेकर पेल्विस तक के भाग में अक्सर कुछ न कुछ हलचल होती रहती है. कभी कहीं दर्द शुरू हो गया तो कहीं गैस तो कहीं हार्ट बर्न. इन सबका वास्तविक कारण क्या है, ठीक-ठीक पता लगाना मुश्किल होता है. लोग सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं. लेकिन अगर आप पेट के दाई तरफ थोड़ा उपर दर्द महसूस कर रहे हैं तो यह गॉलब्लैडर में पथरी का संकेत भी हो सकता है. गॉलब्लैडर लिवर के अंदर घुसा हुआ एक छोटा अंग है जिसमें बाइल बनता है. बाइल को आप केमिकल मान सकते है जो भोजन को पचाने में मदद करता है. जब हम भोजन करते हैं तो उस दौरान गॉल ब्लैडर से बाइल या पित्त निकल कर पेट में आता है और भोजन को तोड़ने लगता है. लेकिन अगर गॉलब्लैडर या पित्ताशय से पूरी तरह पित्त नहीं निकलता है तो यह पथरी का कारण हो सकता है. हालांकि इसके और भी कई कारण है.
गॉल ब्लैडर में पत्थर के संकेत
वैसे तो गॉल ब्लैडर में जब पत्थर बनने की शुरुआत होती है और वह बहुत छोटी है तो मतौर पर इसके लक्षण भी शऱीर में नहीं दिखते लेकिन कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं जिसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि पित्ताशय में पथरी बनने की शुरुआत हो चुकी है. क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. क्रिस्टीन ली कहती हैं कि ज्यादातर लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि उनके पेट में पथरी बन चुकी है. लेकिन अगर पित्त की थैली से पथरी निकल कर या बड़ी होकर रास्ते को ब्लॉकेज करने लगती है तो पेट के उपरी हिस्से में तेज दर्द करने लगता है. डॉ. ली ने बताया कि पित्त की थैली में पथरी बनने का पहला संकेत पेट के उपरी हिस्से में दर्द होना ही है. यह दर्द इस तरह से करता है कि इसकी तीव्रता पीठ, कंधे और छाती में भी महसूस होती है. वहीं जब खाना खाते हैं तो इसके 15 से 20 मिनट के बाद दर्द होना शुरू हो जाता है. खासकर जब आप हैवी और ज्यादा तेल वाला खाना खाते हैं तो यह और ज्यादा होता है. हालांकि सिर्फ खाना खाने के बाद ही यह दर्द नहीं होता बल्कि कभी भी हो सकता है. यह दर्द रात में ज्यादा करता है और इस कारण रात में उठना पड़ सकता है. इसे पहचानने का एक तरीका और है कि जब गॉलब्लैडर में पथरी होती है तब जो दर्द होता है वह एक ही तरह से होता है और एक ही जगह होता है. इससे आपको पता लग सकता है कि पथरी ही है.
गॉलब्लैडर में पथरी बनने के कारण
मायो क्लिनिक की रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो पित्त में ऐसा केमिकल होता है जो कोलेस्ट्रॉल को गला देता है लेकिन यदि लिवर से बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल निकलने लगे तो बाइल इसे गलाने में असमर्थ हो जाता है और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल बनने लगता है जो धीरे-धीरे पथरी में बदल जाती है. इसी तरह यदि बाइल या पित्त में ज्यादा मात्रा में बिनरूबीन कंपाउड बनता है तो भी पथरी बनने लगती है. बिलरूबीन तब ज्यादा बनता है जब रेड ब्लड सेल्स शरीर में ज्यादा टूटने लगता है. वहीं कभी-कभी गॉलब्लैड सही से खाली नहीं हो पाता है. इस स्थिति में बाइल एक जगह केंद्रित होने लगता है और पथरी का निर्माण करने लगता है.
पथरी होने से कैसे खुद को बचाएं
अगर चाहते हैं कि गॉलब्लैडर में पथरी न बने तो खाना को नियमित समय पर खाते रहे. मील स्किप न करें. इसके अलावा यदि आप बहुत जल्दी ज्यादा वजन घटाते हैं तो भी पथरी का जोखिम बढ़ेगा. वहीं पथरी से बचने के लिए फाइबर युक्त फूड जैसे कि हरी साग सब्जी, ड्राई फ्रूट, मोटा अनाज, साबुत अनाज का ज्यादा सेवन करें.
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पहले प्रकाशित : 13 सितंबर, 2024, शाम 6:07 बजे IST