कोलकाता

कोलकाता कांड में मिले सबूतों के आधार पर हुए विवाद, आरजी कर अस्पताल के पुराने प्लांट पर लगे गंभीर आरोप

दार्शनिक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संग बातचीत की स्ट्रीमिंग की मांग छोड़ दी है लेकिन उनकी जगह सैमुअल की वीडियोग्राफी लाइव की मांग है। आरोपियों ने बैठक की वीडियोग्राफी की मांग दोहराते हुए कहा कि बैठक की इन दो नई घटनाओं का महत्व पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है।

कोलकाता कांड में मिले सबूतों के आधार पर हुए विवाद, आरजी कर अस्पताल के वयोवृद्ध प्रतिष्ठानों पर लगे गंभीर आरोप
प्रमोद प्रवीण लाइव हिंदुस्तानकोलकातासोमवार, 16 सितम्बर 2024 12:19 अपराह्न
शेयर करना शेयर करना

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ वकीलों ने पिछले महीने ट्रेनी डॉक्टर पर कथित रूप से हत्या और हत्या के मामले में साक्ष्यों से लेकर आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं। सोमवार को वृद्धाश्रमिकों ने एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक का सीधा प्रसारण करने की अपनी मांग दोहराई। एक चिकित्सक ने कहा, ”हम ऐसे सभी जघन्य अपराधों की निंदा करते हैं।” यह अपराध पश्चिम बंगाल सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच साठगांठ का नतीजा है।”

एसोसिएट्स ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व निर्माता डॉ. संदीप घोष के सबूतों के खिलाफ़ अवमानना ​​के नए आरोप हैं। ।। इस मामले में लॉक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है। कंपनी ने आरोप लगाया कि इस मामले में ”सातों से टिकट” छीन लिए गए।

इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर केस में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सोमवार को ”पांचवीं और आखिरी बार” के लिए भरोसेमंद जूनियर को बुलाया है। दो दिन पहले मीटिंग के सीधे प्रसारण को लेकर चैट के बाद बातचीत नहीं पाई गई। मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें ईमेल में ईमेल भेजकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए कालीघाट स्थित आवास पर सोमवार शाम पांच बजे बातचीत की।

ये भी पढ़ें:कोलकाता कांड की जांच को अनारक्षित किया गया संदीप घोष, पॉलीग्राफ टेस्ट में रिवॉर्ड उत्तर

दार्शनिक ने मुख्यमंत्री संग बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग छोड़ दी है लेकिन उनकी जगह प्लेस की वीडियोग्राफी की मांग की है। अभियोजकों ने बैठक की वीडियोग्राफी की मांग दोहराते हुए कहा, “इन दो नई घटनाओं में बैठक की अध्यक्षता का महत्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है। इसलिए इस बात पर जोर देते हुए कहा गया है कि दोनों विचारधाराएं अलग-अलग वीडियोग्राफी द्वारा अलग-अलग हैं की जाए”

इससे पहले बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर वकीलों के बीच लाइव-स्ट्रीमिंग और वीडियोग्राफी की मांग को लेकर बैठक विफल हो गई थी। राज्य सरकार ने कहा है कि इसका विवरण नहीं दिया जा सकता क्योंकि मामले पर न्यायालय में विचार किया जा रहा है। अपने नए ईमेल में एनोटेशन ने राज्य सरकार के विकल्प दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों तरफ से अलग-अलग वीडियोग्राफी द्वारा वीडियोग्राफी संभव नहीं है, तो राज्य सरकार के जूनियर वकीलों की बैठक के तुरंत बाद वीडियोग्राफी के लिए मंजूरी दे दी जाए। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद ही वीडियो उपलब्ध कराएंगे। (भाषा इंजीनियरिंग के साथ)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *