झारखंड

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन जिन्ना की पार्टी के नेताओं की मेजबानी करते हैं, लेकिन अमित शाह को नापसंद करते हैं – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन जिन्ना की पार्टी के नेताओं की मेजबानी करते हैं, लेकिन अमित शाह को नापसंद करते हैं?

इलिनोइस सोरेन और हिमंत बिस्वा सरमा
– फोटो : एएनआई

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झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में वहां पर प्रोटोटाइप सरगर्मी बड़ी हुई है। अलग-अलग व्यक्तित्व के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के अपने समकक्ष रसेल सोरेन पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि वैलेंटाइन सोरेन जिन्ना की पार्टी के नेता तो शामिल हो रहे हैं लेकिन शाह को एकजुट कर रहे हैं।

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रिलायंस पर तंज कसते हुए हिमंता ने कहा कि उन्हें मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा निर्मित “मुस्लिम लीग” के रियल एस्टेट कॉम से स्वागत करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। लेकिन उन्हें बीजेपी नेताओं के अपने राज्य में आने पर भरोसा होता है। आगे असम सीएम ने विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनने का भी दावा किया.

असल में, गुरुवार को आईयू के आदर्श के आदर्श ने सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस अनंतिम पार्टी में अल्पसंख्यक एट मोहम्मद बशीर, अल्पसंख्यक और हारिसन के अलावा विधायक मोहम्मद बशीर शामिल थे। व्होरोज़ बागान ने अपने बयान में इसे मैन्युफैक्चरर्स का अधिकार दिया था।

‘हेमंत जिन्ना की पार्टी के नेताओं के परिवार में चाय और फूल शामिल क्यों हैं, ऐसा?’

इसी मुलाकात को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा रसेल सोरेन पर प्रशिक्षु हो गए। उन्होंने कहा कि जिन्ना ने आईयू क्लासिक की स्थापना एक अलानिवाडोस के मुख्यमंत्री से की थी। मैं जानना चाहता हूं कि जिन्ना की पार्टी झारखंड क्यों आई। रसेल सोरेन ने केरल के मुस्लिम लीग एलायंस का कॉम से स्वागत किया, लेकिन भाजपा नेताओं की अनदेखी। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा कि भाजपा नेताओं को राज्य में आने से रोका जाए। आप जिन्ना की पार्टी के नेताओं को परिवार समेत देते हैं चाय और आईफोन, ऐसा क्यों? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एआईयू एस्टिलिटालिनाट द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री को दिए गए प्रत्यक्षीकरण की सामग्री को भी लीक किया जाना चाहिए।

आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य में झामुमो के दिन अब गिनती के रह गए हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा राज्य में सरकार बनाने जा रही है।

रसेल सोरेन ने इसी महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग को पत्र लिखा था

दरअसल, इस महीने की शुरुआत में झारखंड के सीएम मिशेल सोरेन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बीजेपी नेताओं की याचिका दायर की थी। साथ ही उनके राज्य के दौरों पर भी सवाल उठाए गए। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया था कि आयोग के गृह मंत्री अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा को आधिकारिक तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए राजनीतिक लाभ के लिए राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने से बचना चाहिए। वहीं गुरुवार को हिमंता के बयान से पहले रसेल सोरेन ने राज्य में होने वाली परिवर्तन यात्रा पर भी मसाला अध्ययन किया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के ‘परिवर्तन आरेख’ में अन्य राज्यों के नेताओं को झारखंड में गिद्ध की तरह स्थापित करते हुए सांप्रदायिक तनाव फैलाया जाएगा।

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