बिहार

धान की फसल में लगा है तना छेडल या गंधी बैग किट, तो समय पर करें देसी टॉनिक का सामान

आशीष कुमार/पश्चिम चंपारणः बासमती चावल की फसल और अनाज का शिकार हो सकता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। अगर पहले से ही कुछ सावधानियां बरत ली जाएं, तो इन खतरनाक ट्रेनों से मुक्ति पाई जा सकती है। कृषि विशेषज्ञ का मानना ​​है कि समय पर फसल की देखभाल और कुछ प्राकृतिक उपायों से बीजों को सुरक्षित रखा जा सकता है। बेट ने इसके बारे में विस्तार से बताया है।

पश्चिम चम्पारण जिले के कृषि विशेषज्ञ रविकांत पैंडेल, जो पिछले 10 वर्षों से सीवेज पर शोध एवं अध्ययन का काम कर रहे हैं। उन्होंने लोकल18 टीम को बताया कि तना छेदक कीट बासमती चावल के टैन में छेद करता है और चिप्स को कमजोर कर देता है। गंधी बैग कीट के आधिकारिक बीज और फूलों को नुकसान पहुंचता है, जिससे निर्माण में कमी आ सकती है। फ्लैप लपेटक किट लेंट को फ्लेक्सकर उनके क्लोरोफिल को नष्ट कर देता है, जिससे उपचार का विकास रुक जाता है।

ब्रोकर और प्रोडक्ट की रोकथाम
कृषि विशेषज्ञ ने बासमती चावल में लंबे समय तक चलने वाली फसल और प्याज की रोकथाम के बारे में बताया कि नीम का तेल एक प्राकृतिक रसायन है, जो कि रसायनों से बना है। हफ्ते में एक बार 5% नीम के तेल का साज़िश करने से ताना छेदक और गंधी बैग किट जैसी चीजें दूर रहती हैं।

फेरोमोन जाल: यह एक जैविक उपाय है, जिसमें नर श्रमिकों को आकर्षित करके जमा किया जा सकता है, जिससे उनकी संख्या नियंत्रित की जा सकती है। यह ताना छेदक और लीप-लैपक के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।

घास की मल्चिंग: फ़सल के आस-पास घास की परत इससे कीड़ों का प्रवेश कम होता है और जड़ें भी सुरक्षित रहती हैं।

कड़वी रेखा वाली मछली के साथ इंटरक्रॉप: बासमती चावल की फसल के बीच में दूसरी बेकरी खेती वाली फसल जैसे मूंग, फूलद आदि बोने से बेरोजगारी का हमला कम होता है। इससे कृषक भटक जाते हैं और फसल की सुरक्षा होती है।

प्राकृतिक जैविक रसायन शास्त्र: गोबर से बने नासा या वर्मीवॉश जैसे जैविक रसायन का उपयोग करें। ये बेकार के नौकरी को दूर रखते हैं और फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते।

कब-कब करें साज़िश
मॉनसून के अंत और शरद ऋतु के मौसम की शुरुआत में ही कीटनाशकों पर हमला करने की सलाह कृषि विशेषज्ञ की सलाह है। इससे पहले ही कीड़े मकोड़ों पर हमला करने से पहले ही ख़त्म कर दिया जाता है।

टैग: कृषि, लोकल18

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