बिहार

बिहार मौसम समाचार: बिहार के इन रविवार में कल बारिश विकराल रूप, मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान

रिपोर्ट- सच्चिदानंद

पटना: बिहार के सीज़न ने इस बार ख़ौफ़नाक करवट ली है। मॉनसून एक बार फिर से पूरे जोरों से दहाड़ रही है और ज्यादातर नारियल में लगातार कई घंटों से मूसलधार बारिश हो रही है। 27 सितंबर को भी ये खज़ाना जारी है। इस दिन बिहार में कई उग्र से भीषण वर्षा का साया उतर रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने इस खतरे को देखते हुए ऑरेंज की संभावना जारी की है।

पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सचिवालय पटेल के अनुसार, 27 सितंबर को बिहार में मानसून अपने विकराल रूप में आने वाला है। बिजली कड़कने और ठनका गिरने की भयंकर संभावना है जो कि मोटा साबित हो सकता है।

आज इन सजावटी में होगी भयंकर बारिश
आईएमडी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में पूर्वा हवा का बहाव तेज है। 27 सितंबर को मॉनसून का सुपर एक्टिव रूप देखने को मिलेगा। इस दिन पश्चिम चक्रवात, पूर्वी राज्य हिमाचल प्रदेश और शिवहर में अत्यधिक भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। इसी वजह से इन साँचे में ऑरेंज की पेशकश जारी की गई। इसके अलावा बिहारिया, बनारस, बांका, जमुई, दारौजा, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बस्तर में भारी बारिश होने वाली है। इसी दृष्टि से येलो जारी किया गया है।

27 सितंबर को बक्सर, भोजपुर, भभुआ, रोहतास, कसाई और अरवल के साथ ही उत्तर बिहार के सभी 19 मंदिरों के अधिकांश स्थानों पर तेज से अत्यधिक तेज बारिश होने वाली है। पटना शेष सहित सभी मुजफ्फरपुर में मध्यम से तेज बारिश होने वाली है। जमुई, बांका, भोजपुर, बक्शूर, रोहतास, क्रीड़ा, अरवल, पश्चिमनाचल, पूर्वी गंजाम, गोपालगंज, सीवान, सारण, तारामंडल, शिवहर, मध्यमा, मध्यमा और तारामंडल में चमक के साथ ठनका भी उतरने की प्रबल संभावना है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

भूलकर भी ना करें काम
नदियों के दस्तावेज़ में बाढ़ से बाढ़ के कारण बाढ़ आने की संभावना है। बारिश के दौरान दृश्यता में प्रभावशाली कमी और दरारों से युक्त या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। वज्रपात से जन-मल एवं पशु हानि की संभावना है। बिजली चमकाने या गर्गहाट की आवाज में किसानों और नागरिकों को पक्के घर में शरण लेने की आवाज सुनाई दी। वर्षा के दौरान नदी में यात्रा करने से बच। पेड़ों के नीचे और विशेष रूप से अलग- पेड़ों के नीचे आश्रय न लें क्योंकि ये बिजली के सुचालक होते हैं। कृषि कार्य को अंतिम रूप देने के लिए कृषि कार्य को अंतिम रूप दिया जाता है और कृषि कार्य को अंतिम रूप देने के बाद मौसम को साफ करने की सलाह दी जाती है।

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