बिहार

बिहार बाढ़: बाघा में चंपारण के किले, आधा दर्जन से अधिक रेगिस्तान में गया पानी, हजारों लोग हो गए राक्षस

पश्चिमी चंपारण. बगहा-1 जिले के लोगों को अभी भी बाढ़ से राहत मिली है कि रविवार शाम करीब 4 बजे, खैरटवा स्थित चंपारण तटबंध के एकाएक टूटने के कारण लोगों में साबुत अमीर का जन्म हुआ है। जानकारी के अनुसार, बगहा-1 विवरण के करीब आधे से ज्यादा अवशेष गांव के लोग बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं।ग्रामीणों की कहावतें तो, उन्हें इस बात का जरा भी आकार नहीं था कि जिस किले से वो एक लंबे समय से जुड़े हुए हैं। आना जाना कर रहे हैं, वो एक संकेत में ही बीच से टूट जाएंगे।

आधे से अधिक पंचायत के लोग प्रभावित
बता दें कि बगहा एक खंड के चखनी रजवतिया पंचायत के खैरटवा गांव स्थित चंपारण मंदिर के उदघाटन से बड़गाव, छोटकीपट्टी, पिपरिया, एकडेरवा, डुमरिया, बेलवा, भीड़री, चंद्रपुर, बकवा आदि पंचायत के करीब 50 हजार लोग बुरी तरह से प्रभावित होंगे। स्थानीय आदिवासियों की तो, शुरुआत में करीब 3 फीट तक की बढ़त हुई, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि कुछ ही मिनटों में यह लहर करीब 15 फीट की दूरी तक बढ़ गई। आधे घाटे से अधिक परियोजना के हजारों लोगों का संपर्क मुख्य मार्ग ‘एनएच 727’ से पूरी तरह से टूट गया है।

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गंडक का बढ़ना बेरोजगारी बना परेशानी
समझने वाली बात यह है कि गंडक नदी के जलाशय से जो नदी में तेज बहाव की स्थिति पैदा हुई है, उसका बुरा असर खैरटवा स्थित मणिपुर के मंदिर पर पड़ा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह घाट कई दशक पुराना है, लेकिन गौर करने वाली है। यह है कि हाल ही में इसके कवर का काम पूरा होने की बात कही गई थी।

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