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ईडी का ये रिकॉर्ड, पढ़ें आईएएस-आईपीएस, बिजनेसमैन और नेता की दिन में ही नींद, पढ़ें ये रिपोर्ट

नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच करने वाली भारतीय जांच एजेंसी निदेशालय निदेशालय (ईडी) एक बार से चर्चा में है। मनी लॉन्ड्रिंग और मेट्रिक्स को फाइनेंशियल हेल्प पर नजर रखने वाली इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पीएचडी के साल 2023 के काम के रिकॉर्ड का चित्र जारी किया है। एफए फाइंडी ने क्रॉस बॉर्डर ट्रांज़ैक्शन और दिवालियापन कारोबार के अलावा ईडी कोले कासने के लिए स्थान निर्धारित किया है। लेकिन, कुछ मामलों में एफए स्कॉर्पियो की रिपोर्ट एचडी को भी हैरान कर देने वाली है।

बता दें कि एफए स्कॉर्पियो की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि निदेशालय निदेशालय ने साल 2023 में 4163 मामलों की जांच की थी, लेकिन सिर्फ 28 को ही सजा दी गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में एचडी को 6 लाख 50 हजार रुपये लेन-देन और ट्रांसजेक्शन की जानकारी मिली थी। लेकिन, सिर्फ 4 हजार 163 मामलों की जांच शुरू हुई और इसमें 28 को सजा मिली।

पीएचडी की जांच और उसके नतीजे
एफए फ़ार्टिका की रिपोर्ट में बताया गया है कि एचडी नेप्लाई के तहत 43 हजार से अधिक लोगों को समन जारी किया गया था। लेकिन, सिर्फ 143 लोगों को ही गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब अन्यत्र दस्तावेजों से संबंधित जानकारी में कमी है। हालाँकि, नामी ट्रांजेक्शन एक्ट और इनमार्केट टैक्स एक्ट के तहत भी कुछ बड़ी कार्रवाई की जाती है।

एचडी कैसे करता है जांच
बता दें कि वित्त मंत्रालय के अंतगार्त आने वाली तानाशाही यूनिट (FIU) ने साल 2020-21 और 2022-2023 के बीच देश में रियाल लेन-डेन की 16 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए थे। लेकिन, ईडी ने सिर्फ 23 मामलों में ही फाईयू द्वारा दिए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया। खास तौर पर पीएफआई की फंडिंग जांच को लेकर लेकर आए पीएम ने कई खुलासे किए हैं. साइबर अपराध से जुड़े मामलों में भी ईडी ने कई बड़े आपराधिक नेक्सस का खुलासा किया।

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एनालॉग एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफए फ़ायरफ़ेड) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग और क्रैस्टर स्केल से लड़ाई के लिए मानक और घटिया काम करता है। इसका उद्देश्य यह है कि देश की जांच-पड़ताल से अवैध और अछूते समाज को नुकसान हो। एफए इंटरनेशनल मानक तय करता है, जिसमें शामिल देशों को मनी लॉन्ड्रिंग और अपराधी अंशांकन के लिए लागू करना होता है। ये मानक प्रत्येक देश के विशेष परिदृश्य के अनुकूल होते हैं।

हाल के दिनों में एचडीएफसी ने मनी लॉन्ड्रिंग और बिल्डर्स पर कई ब्यूरोक्रेसी, नेता और बिजनेसमैन के तहत मामला दर्ज किया है। डी.डी. का यह रिकॉर्ड देखने से पहले दिन की नींद की चेन से बदबू आ रही है। क्योंकि, ईडी ने जांच तो और अधिक की है, लेकिन सजा कम ही सार्थक है।

टैग: भ्रष्टाचार समाचार, ईडी की जांच, प्रवर्तन निदेशालय, आईएएस अधिकारी

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