कोलकाता

आरजी कर कांड ने प्लास्टिक बंगाल के मेडिकल स्टूडियो की पोल, पश्चिम बंगाल न्यूज़

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने पश्चिम बंगाल के शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक बड़े संकट को उजागर किया है। इस मामले के बाद कई मेडिकल सेमेस्टर में स्नातक छात्र-छात्राओं के बाजार सामने आए हैं। छात्रों ने राजनीतिक दस्तावेज लेकर खतरनाक और नशे-धमकाने की संस्कृति, परीक्षा प्रणाली में रिश्वतखोरी और पूर्वाग्रह के आरोप लगाए हैं।

बाकी और आरोप

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक महीने में राज्य के 20 टॉप मेडिकल फिल्मों में से कम से कम सात फिल्मों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रतिभा के अनुसार, जिन छात्रों ने रिश्वत देने से मना कर दिया, उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया गया। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को रिश्वत न देने वाले छात्रों का पंजीकरण नहीं किया गया, और हाउस स्टाफ चयन के दौरान कुछ छात्रों को रेटिंग कम अंक दिए गए। यहां तक ​​कि कुछ छात्रों को पार्टी में सेवा देने के लिए मजबूर किया गया।

इस घटना की शुरुआत आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व कार्यशाला संदीप घोष की कॉलेज के बाद हुई, जिन पर आरोप लगाया गया था। इनमें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, मिदनापुर मेडिकल कॉलेज, बर्दवान मेडिकल कॉलेज, लैपटॉपहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज, कल्याणी के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और एमजेएन मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी गंभीर आरोप सामने आए हैं।

ममता बनर्जी से मुलाकात

16 सितंबर को जूनियर वकीलों के एक सहयोगी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव मनोज पंत से मुलाकात की और इन सितारों को लेकर नामांकन दर्ज कराया।

सरकारी कार्रवाई और जांच पैनल

इन गठबंधन के बाद राज्य सरकार और व्यक्तिगत कलाकारों ने अपने स्तर पर साभार साभार प्रस्तुत किया।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज 5 छात्रों को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है और उन्हें कॉलेज परिसर या कॉमोड में प्रवेश से मना कर दिया गया है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जांच अध्ययन में 51 ईसाइयों में से 40 को दोषी पाया गया, जिन पर खतरनाक आरोप था।

कल्याणी के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और जेएनएम अस्पताल में 40 छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है।

एमजेएन मेडिकल कॉलेज और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में भी जांच साझीदार बने हुए हैं।

सरकारी स्तर पर उपाय

राज्य सरकार ने “धमकी संस्कृति” पर रोक लगाने के लिए एक पांच सब्जी समिति का गठन किया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने बी. स्वास्थ्य विभाग ने एक शिकायत निवारण सेल भी स्थापित किया है, जहां स्वास्थ्य पेशेवर अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं।

सिद्धांत का दावा: समस्या बहुत गहरी है

कई लोगों का मानना ​​है कि मेडिकल पाइपलाइन में यह समस्या सिर्फ सतही नहीं है, बल्कि यह गहराई से जुड़ी हुई है। एक जूनियर डॉक्टर ने आरोप लगाया कि शोरूम की युवा शाखा से जुड़े कुछ डॉक्टर छात्रों को सांस्कृतिक और गैर-सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मजबूर करते हैं। अगर छात्र इसमें भाग नहीं लेते हैं, तो उन्हें फेल करना या खराब अंक देना खतरनाक हो जाता है।

यह स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल के मेडिकल डिप्लोमा में छात्र और खतरे की संस्कृति की जड़ें गहरी हो गई हैं। सरकार और कॉलेज प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक यह सवाल बना रहता है कि क्या मेडिकल शिक्षा का शैक्षणिक स्तर सुरक्षित और व्यावहारिक हो।

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