क्राइम

स्काई में घंटों से चॉक्कर लगा रहा था प्लालेन, नहीं मिल रही थी लैंडिंग की शुरुआत, सिर्फ 5 मिनट का बचा था फुल, तभी…

24 अगस्त 1984: आज फिलाडेल्फिया के पालम हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC-421 को चंडीगढ़ और जम्मू में स्थित सरकारी गोदाम था। करीब 72 यात्रियों के साथ फ्लाइट फेल होने वाली यह फ्लाइट अपने तय समय पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर लैंड हुई। चंडीगढ़ हवाईअड्डे से इस उड़ान में सात नए यात्री बोर्ड चढ़े और प्लेन एक बार फिर आसमान की तरफ बढ़े चले गए। यह थाली में जम्मू का उद्घाटन, इससे पहले चंडीगढ़ से बोर्ड करने वाले सातों यात्रियों ने अपनी सीट छोड़ी और ‘खालिस बमन जिंदा’ और ‘भिंडरावाले जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

फ्लाइट में अचानक शुरू हुई क्रूज को लेकर यात्रियों को कुछ समझ में आ गया, इससे पहले खंजर और हैंड ग्रेनेड से लैस इन लोगों ने प्लेन हाईजैक-प्लेन हाईजैक चिल डेलाना शुरू कर दिया। इसी बीच, कुछ हाईजैकर्स ने सील कॉकपिट में घुसेड़ दिए और प्लेन को अमेरिका ले उछाल का झटका सुनाया। पायलट ने हाईजैकर्स को बताया कि वह इस समय बोइंग 737-2A8 से उड़ान भर रहे हैं। इस प्लेन की क्षमता इतनी नहीं है कि वह अमेरिका तक सीधी उड़ान भर सके। इसके बाद, हाईजैकर्स के नए दल प्लेन के रुख से लाहौर एयरपोर्ट की ओर हो गए।

80 मिनट तक लाहौर एयरपोर्ट के लिए रुकना
उधर, जनरल जिया-उल-हक के नेतृत्व वाली संस्था की सैन्‍य सरकार और सेना के सहायक इंडियन एयरलाइंस की हाईजैक होलेड फ्लाइट IC-421 का बेस से इंतजार कर रहे थे। खैर ही, इस हाईजैक की साजिश खुद की दुकान के आई असामेंट्स ने रची थी, पर वह जतना चाहते थे कि उनकी इस हाईजैक प्लेन में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह सिर्फ भारत की मदद करने के इरादे से प्लैन को अपने यहां जमीन देने का वादा कर रही है। इसी योजना के तहत, पहले प्लैन को लैंडिंग की ओर से उड़ाया गया और रनवे पर अवरोध लगाया गया।

करीब 80 मिनट तक प्लेन लाहौर एयरपोर्ट के ऊपर चॉक्कर लगा रहा, लेकिन इंस्टालेशन का ड्रामा बदस्तूर रिलीज हो रहा है। करीब 80 मिनट बाद सियाली एथोरिटीज ने प्लायन को लाहौर एयरपोर्ट पर नमूने की गुमशुदगी दे दी। प्लैन लैंड के बाद ईसाइयों को भरोसा था कि हर बार की तरह भारत इस बार भी हाईजैकर्स से निगोशिएट करने के लिए कहेगा। लेकिन, भारत ने बहाली को निगोशिएशन की इच्छा न देने से केवल मना कर दिया, बल्कि उनके खिलाड़ियों को विद्रोह न करने और लाहौर ने उन्हें टेक ऑफ की उत्तेजना न देने के लिए भी कहा।

दुकान के हाथ से फ्री अपनी ही बाजी और फिर..
भारत के इस जजमेंट से बाजीगरी अपने हाथ से की गई। अंतर साक्ष्य दबाव के रहते हुए भी वह भारत की बातों का समापन नहीं करना चाहते हैं, लगता है, उन्होंने नई योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इस ईंधन में सिर्फ काठमांडू (नेपाल), काबुल (अफगानिस्तान) और दुबई तक ही ले जाया जा सकता है। आकृति, स्टैटिस्टिक्स एथोरिटीज़ ने हाईजैकर्स को जर्मन पी मार्टाल क्रेटाल कर दिया और प्लेन को दुबई ले जाने के लिए कह दिया। इसके बाद, रेजीमेंट ने लाहौर से प्लायें उड़ने की इजाज़त दे दी।

लाहौर हवाईअड्डे से उड़ान की मंजूरी के बाद यह प्लालेन कराची पहुंच गया और फिर वहां से दुबई के लिए प्रस्थान हो गया। रात करीब तीन बजे यह प्लैन दुबई एयरपोर्ट के ऊपर चॉकर लगा रहा था। फैक्ट्री की तरह दुबई ने भी प्लैन को लैंडिंग की छूट से मना कर दिया था। दुबई एयरपोर्ट पर लैंड न हो सके, इसके लिए एथोरिटीज ने रनवे और टर्मिनल की लाइट बंद कर दी थी। प्लैन लगभग एक घंटे तक दुबई हवाईअड्डे के ऊपर चकर लगा रहा था, लेकिन उसे प्रवेश द्वार की मंजूरी से साफा नाला कर दिया गया था। वहीं अब नई मुसीबत सामने थी.

5 मिनट में इंजीनियर वाला था इंडियन एयरलाइंस का होना!
असल में, प्लैन में अब 5 मिनट का ही फ़्यूल बचा था। 5 मिनट के इनवेस्टमेंट में कोई कमी नहीं आई तो प्लैन म्युचुअल का खतरनाक खतरा लग गया। दूसरा विकल नामांकन के तौर पर प्लैन को समुद्र में जमीन करने का ही विकल नामांकन था। पायलट के सामने ‘एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ कुआं’ जैसी स्थिति थी। सुबह करीब 4.50 बजे अचानक दुबई एयरपोर्ट के रनवे की लाइट जल उठी और प्लेन को लैंडिंग का उद्घाटन दे दिया गया। पायलट ने दुबई एयरपोर्ट के रनवे की तरफ ले जाकर एक बेकार की देरी से उड़ान भरी। कुछ ही पलों में प्लेन सुरक्षित पर उतर गये।

इधर, जैसे ही भारत सरकार को दुबई में जमीन होने की जानकारी मिली, वैसे ही मखमली विदेश मंत्री रहीम के नेतृत्व में एक टीम को वहां ले जाया गया। स्थिति का जायजा लेने के लिए साक्षात के तत्काल रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन रसीद अल मकतूम और वैज्ञानिक में भारतीय राजदूत इशरत अजीज भी एयरपोर्ट तक पहुंच गए। भारत, दुबई और हाईजैकर्स के बीच बातचीत शुरू हो गई है। भारत ने हाईजैकर्स की सभी बातों को मसालों से मना कर दिया। हाईजैकर्स की पहली स्टेप्स की धुनों से पहले ग्लूकोज़ पर आने के लिए ज़बरन कर दिया गया।

…और म्यूजिक में आये IC-421 के हाईजैकर्स
दुबई हवाईअड्डे पर कुछ ही पालों में बाजी पूरी तरह से पाटल बिजनेस थी, इंडियन एयरलाइंस प्लैन के सभी हाईजैकर्स को अलाइक में लिया जा चुका था। ये सभी हाईजैकर्स प्रतिबंधित ऑल इंडिया सिख सिख फेडरेशन से जुड़े थे, जो सिख के लिए अगल खालिस मठवासी की मांग कर रहे थे। दुबई एयरपोर्ट पर कार्रवाई के बाद पूरी तरह से हाईजैकर्स के सामने दो विकल्स दर्ज हो गए। पहला- वर्चुअल लॉ के तहत लैपटॉप का सामना करना, दूसरा- भारत के अधीन कर दिया जाए। हाइजैकर्स को यह धमकी दी गई थी कि उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा ताकि उसे मौत की सज़ा दी जा सके।

हाईजैकर्स ने भारत के सबसे मजबूत कानून से डरकर भारत के विकल नामांकन का चयन किया। जिसके बाद, म्यूजियम ने सभी हाईजैकर्स को भारत के लिए समर्पित कर दिया। इसी के साथ सभी यात्रियों और क्रू के साथ स्टैटिस्टिक्स 421 को कुशल भारत के लिए रवाना किया गया। पढ़ने के लिए भारतीय प्लेलेन हाईजैक से जुड़ी यादगार ख़बरें एयरपोर्ट डायरी पर क्लिक करें.

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