बेटा! तुम जाओ… 22 साल पुरानी जखम, फिर घर से कट गई इतनी सफाई, पुलिस भी रह गई शॉक, एक खामी पड़ी भारी
नई दिल्ली। आपने नया परिवर्तनपुर तो आंकलन ही होगा। अभिनेता वरुण यूक्रेनियन में अपनी पत्नी और बेटी की मौत का बदला लेने के लिए 20 साल तक इंतजार करते हैं। इन 20 सागरों में वो परिवर्तन लेकर आग में ही भीतर जलते रहते हैं। कुछ ऐसा ही कांड अब ख़ामोशी में भी देखने को मिला. जहां आठ साल की बेटी के मन में पिता की हत्या का बदला लेने की आग अगले 22 साल तक जलती रही। 30 साल की उम्र में उन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया था, जिसकी शुरुआत पुलिस से भी हुई थी।
22 साल पहले हुआ था?
इस हत्या कांड में अब खुलासा हुआ है इसे देखने से पहले हम आपको यह बताते हैं कि 22 साल पहले यह सामने आया था। यह इवेंट राजपुतान के आतिथ्य की है। तब एक बड़ा ट्रक से कुचलकर 50 साल के नखत सिंह भाटी ने साल 2002 में अपनी दुष्मनी में 30 साल की भीड़ गोपाल के पिता हरि सिंह भाटी को केश घाट पर गिरा दिया था। इस मामले में अदालत ने नखत और उसके चार कारीगरों को दोषी ठहराते हुए सात साल की कैद की सजा सुनाई थी।
अब हुआ?
सजा काटने वाले के बाद नखत सिंह भाटी आ गए और यहां नौकरानी का काम करने लगे। पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक ने ट्रक को कुचल दिया है। फ़ायल पुलिस की तत्काल कार्रवाई में शामिल होने और वहां से भाग जाने के बाद मलबे में डूबे किशोर गोपाल को कुछ किमी की दूरी पर ट्रक सहित धार न्यूज़ा। मामले में इंडस्ट्री से वाहन ले जाने के कारण मौत का मुकदमा दर्ज कर माइक्रोसॉफ्ट को बंधक बना लिया गया। हालाँकि ज़मानत धारा के कारण उसे थाने से ही बेल मिल गया। पुलिस अधीक्षक ने उससे कहा कि बेटा तुम्हें पैसे मिल गए और तुम अपने घर चले जाओ।
कैसे खुला हत्या का राज?
ये ज्वालामुखी हादसा सड़क हादसे में मौत का था, इस मामले में पुलिस स्टॉक से जुड़े इसी विभाग ने तफ़तीश को आगे बढ़ाया। इसी के बीच मृत की फैमिली की पोर्टफोलियो से पाइलीन डिपो। टैब में पता चला कि डेथ वाला और मारने वाला दोनों ही राजसी इंस्टीट्यूट के आशिकों से हैं। दोनों का गांव आजू-बाजू में ही है. साथ ही दोनों गांव में भी लंबी वज्रपात से दुस्सामनी चल रही है। एक गांव का नाम दूसरे गांव के बारे में नहीं बताया गया है। यहां से पुलिस का माथा ठनका और सुपरमार्केट के कॉल डिटेल रिकॉर्ड रिकार्ड करना शुरू हुआ। जिसमें पता चला कि पिछले कुछ दिनों से वो मृतक नखत सिंह भाटी के पास भी गोपाल के पास आ रहा है। वो काफी समय से अपने आने के वक्त और रहन-सहन खाने से लेकर हर चीज की रेकी कर रही थी।
आठ लाख में खरीदा ट्रक
सर्वेक्षक से पूछताछ की गई तो गोपाल गोपाल ने हत्या की बातचीत कर ली। उन्होंने बताया कि बचपन से ही वो बदलाव की आग में जल रहा है। पिछले हफ्ते ही बनासकांठा के एक गांव से उन्होंने 8 लाख रुपए की जबरदस्त ट्रक खरीदी थी। उन्होंने 1.25 लाख रुपये की डाउन पेमेंट और बाकी कैश बैंक से लोन बनवा लिया। अवसर बचाव साइकिल पर जा रहे नखत सिंह भाई को कुचलकर उसने मौत के घाट उतार दिया।
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पहले प्रकाशित : 4 अक्टूबर, 2024, 09:46 IST