स्तुति से पहले ही क्यों जम्मू-कश्मीर में 5 मार्च, 2019 को गेम पलटने का डर
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आने वाले हैं। उससे पहले ही केंद्र शासित प्रदेश में 5 नामधारी को लेकर हलचल तेज है। इसे लेकर एतराज जटना ने भी शुरुआत की है और स्टूडियो से पहले इस पर विवाद हो गया है। पीआईपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि एलजी को गैर-जरूरी ताकतें और उनके लाभ वे भाजपा पहुंचाएंगे। जम्मू-कश्मीर के चुनावी सर्वे को लेकर अब तक एलेक्टिट पोल्स के अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में 5 नामित विधायक कुल गुणांक बदल सकते हैं। इसलिए इस मुद्दे पर विवाद तेज है।
इस चुनाव में अकेली ही उतरने वाली भाजपा कभी भी जम्मू-कश्मीर में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने पीआईपी के साथ सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में दोनों अलग हो गए। फिर 2019 में तो पूरी तस्वीरें ही बदल गईं। धारा 370 और 35ए को हटाया गया। राज्य का पुनरुद्धार करते हुए जागरूकता को अलग किया गया और शेष जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। इस तरह 6 साल के लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर में सरकार की बैठक होने वाली है। ऐसे में इस सरकार गठन में नामांकित नामों का क्या रोल होगा, इसे लेकर चर्चाएं तेजी से हो रही हैं।
यही नहीं बीजेपी के मस्जिद की ओर से तो 5 टोले की भी चर्चा चल रही है, जिसमें शामिल लोगों का अलग-अलग नाम दिया जा सकता है। इनमें से 4 नेता जम्मू के हो सकते हैं और एक नाम कश्मीर का होगा। भाजपा आधिकारिक के अनुसार कश्मीर से पार्टी के नेता डॉ. पीओएसए खान को मनोनीत किया जाएगा। इसके लिए अपना संपर्क भी बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के 5 नामों को शामिल किया जा सकता है, जिसमें 3 महिलाएं शामिल हैं। ऐसे में दो और विधायक महिलाएं हो सकती हैं।
अब इन मनोनीत कलाकारों को लेकर कहा जा रहा है कि यह पीछे के रास्ते से बीजेपी को सत्ता में लाने की साजिश है। असहमत का कहना है कि एलजीबीटी मनोज सिन्हा मनोनीत के माध्यम से भाजपा को सत्ता में लाने की कोशिश करेंगे, जो अपने दम पर बहुमत से दूर ही रहेगा। नियम के अनुसार 5 नामों में तीन महिला होनी चाहिए। यही नहीं इनमें से भी दो पीएचडी पंडित, एक जीपीके से आए मठ को मौका देने की बात है। इन कलाकारों को भी जोड़ लें तो जम्मू-कश्मीर क्षेत्र का नंबरबल 95 हो जाएगा और ऐसी स्थिति में सरकार गठन के लिए मैजिक ड्रामा 48 का होगा।