बिहार

कोसी नदी की तबाही से बेहाल स्मारक का भूबौल गांव, जिंदगी से जंग लड़ रहे लोग

नवोन्मेष कुमार/नवजात कुमार: जिले के तारडीह खंड के भूबौल गांव में कोसी नदी की धारा ने हाल ही में भीषण तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के बाद गांव का जीवन सामान्य नहीं हो पाया है। गाँव में करीब 40 से 50 परिवार अभी भी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, जहाँ पास में खाने-पीने की सुन्दर वस्तुएँ भी उपलब्ध नहीं हैं।

सरकारी मदद की कमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक यहां सरकारी मदद नहीं दी गई है। उनके घर में रखे गए अनाज के टुकड़े का भुगतान हो गया है और कुछ लोग जो राहत सामग्री लेकर आते हैं, उन्हें बांध पर ही रोक लगा दी जाती है। वे समसामयिक सामग्रियां देते हैं, लेकिन गांव में रहने वाले लोगों तक किसी भी तरह की सहायता नहीं पहुंच पाती है।

नाव और राशन की व्यवस्था नदारद
सरकार द्वारा गांव में न तो नाव की व्यवस्था की गई है और न ही राशन की अनुमति दी गई है। पानी कम हो रहा है, लेकिन पूरी तरह से बहाल होने में अभी एक महीने का समय लग सकता है। कोसी नदी के किले के निर्माण के बाद नदी की धारा का रुख किस दिशा में होगा, इसका भी कोई मतलब नहीं है। इस गांव में और भी अनिश्चितता और भय का माहौल बना हुआ है।

गांव का संपर्क अभी भी रिकॉर्ड
भुबौल गांव का संपर्क अब भी बाकी गांवों से पूरी तरह से कटा हुआ है। कोसी नदी की धारा ने गांव में भयंकर तबाही मचाई है, जिससे लोग अब गांव में रहने से डरने लगे हैं। एक समय यह गांव खुशहाली लाता था, लेकिन अब हर तरफ मातम का माहौल है।

लोगों की जिंदगी की जंग
जिन लोगों के घर डूब गए या डूब गए, वे दिन बांध से गांव में अपना बचा हुआ सामान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। अक्सर उन्हें कुछ नहीं मिलता और वे खाली हाथ निराश होकर लौट जाते हैं। गांव में जिंदगी अब बस किसी तरह कट रही है और लोग अपने अनुभव की लड़ाई लड़ रहे हैं।

सरकार से शर्त
भुबौल गांव के 40 से 50 परिवार में अब भी किसान-पाइन की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। गांव की इस दवा की स्थिति में सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद है ताकि लोगों को राहत और सहायता मिल सके।

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