बिहार

अब किसी भी मौसम में फसलें खराब नहीं होंगी, अपनाएं ये तकनीक!

पश्चिमी चंपारण. यदि आप एक किसान हैं और मौसम के विपरीत प्रभाव की वजह से बीजा की खेती से चिंतित हो गए हैं, तो आज हम आपको खेती की एक ऐसी तकनीक के बारे में बताते हैं, जिसे गिनी चुनी किसानों द्वारा ही वर्गीकृत किया जाता है। इस तकनीक से खेती में आप बिन सीजन सब्जियों की खेती कर सकते हैं और वो भी सीजन के विपरीत प्रभाव के बिना। कृषि वैज्ञानिक कर्मचारी पोलीहाउस के माध्यम से कोई भी किसानी उपकरण और ट्रैक्टर की अच्छी खेती कर सकते हैं। सिद्धांत की तुलना में पॉलीहाउस में खेती से उत्पादन तीन गुणा तक होता है। साथ ही बिज़नेस की क्वालिटी भी बढ़ती है। जब तक बात आती है कि इसमें वाले खर्च की बात है, तो ये बिल्कुल भी महंगा सौदा नहीं है। इसके उपयोग पर सरकार को भी 50 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है।

जिले के मंझौलिया स्थित माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि संयंत्र द्वारा पॉली हाउस में साबुत मिर्च और टमाटर की खेती की जाती है। आश्चर्य की बात यह है कि सरकार की तुलना में पॉलिहाउस में 3 से 4 गुना का बिजनेस हुआ है। साथ में इंदौर की गुणवत्ता भी बेहद उम्दा हुई है। ऐसे में किसान इस प्रोविजन तकनीक को अपनाकर बीजाणु का उत्पादन कर सकते हैं और अपनी आय को 4 गुना तक बढ़ा सकते हैं। इस मसाले पर सीज़न का विपरीत प्रभाव बिल्कुल भी नहीं पड़ा।

बीमारी पर नहीं यूक्रेनी मौसम की मार
माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.अभिषेक प्रताप ने बताया कि जिस बाजार में अप्रैल माह के बाद काली मिर्च के मसाले बंद हो जाते हैं और संकेत में टमाटर मंगाने पड़ते हैं, वहीं केवीके के पॉलीहाउस में ये सामान (200 किलो टमाटर, 200) (कील (काली मिर्च)) बड़ी मात्रा और अच्छी स्थिति में लहा रही है।सही कहा जाए तो ये सब पॉलीहाउस की वजह से ही संभव हो पाया है।

बेहद कम खर्च में तैयार होती है पॉली हाउस
कृषि की माने तो, ज्यादातर किसानों को लगता है कि पॉलिहाउस की मांग में भारी खर्चा लगता है, जिसे वो उठा नहीं सकते हैं। लेकिन असल में ऐसा नहीं है. असली किसान, बांस के फ्रेम पर भी पॉलीहाउस का निर्माण करवा सकते हैं। आयरन के फ्रेम से पॉलीहाउस के निर्माण में खर्चा बहुत ज्यादा आता है, लेकिन बांस द्वारा पॉलीहाउस के निर्माण में खर्चा भी कम लगता है।

मिल रहा है सरकारी अनुदान
जहां तक ​​बात काम की है, तो दोनों पॉलिहाउस उद्यमों में ही उद्यम होते हैं। अच्छी बात यह है कि सरकार द्वारा भी इसके निर्माण के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। ऐसे में अगर आप एक बार पॉलीहाउस कंस्ट्रक्शन लेते हैं तो फुलकी मेंटेनेंस कर 15 साल तक अच्छी कमाई कर सकते हैं।

टैग: बिहार समाचार, स्थानीय18, सारण न्यूज़

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