पंजाब

पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को राज्य अतिथि सुविधा प्रदान करने वाले पंजाब के अधिकारियों पर सख्त रुख अपनाया, जिन्होंने लॉरेंस बिश्नोई को राज्य अतिथि के रूप में सम्मान दिया था, उस पर सख्त कार्रवाई ले सरकार: एचसी, पंजाब न्यूज़

पंजाब सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि मोहाली के एसएसपी विवेचक सोनी, एसपी अमनदीप सिंह बराड़, डीएसपी गुरशेर सिंह संधू और सीआईए सीआरपीसी के इंस्पेक्टर शिव कुमार को नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया। को कहा था.

प्रमोद प्रवीण लाइव हिंदुस्तानचंडीगढ़मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 05:25 अपराह्न
शेयर करना शेयर करना

ग़ुलाम नेता बाबा की हत्या के बाद ग़ुलाम लॉरेंस बिश्नोई के ख़ौफ़ के बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि लॉरेंस बिश्नोई को राज्य अतिथि के तौर पर सम्मानित करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कोर्ट का यह आदेश अभियोजक की रिपोर्ट पर दिया गया है। लॉरेन्स बिश्नोई ने पुलिस अधीक्षक के रूप में मोहाली के खड़खिन सीआईए में अलग-अलग जांच की, जांच के आदेश दिए गए थे। इस मामले में संगीत एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को दी है। पंजाब सरकार की ओर से हाई कोर्ट की ओर से पेश किए गए दोषी ने कोर्ट को विश्वास दिलाया है कि जल्द ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को एसआईटी के प्रमुख आईपीएस प्रबोध कुमार ने अदालत को बताया कि जांच पूरी हो चुकी है। एसआईटी की रिपोर्ट में उन अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी एक नोट में बताया गया है, जिसमें लार्सन बिश्नोई के साक्षात्कार में मदद की बात कही गई थी। उच्च न्यायालय ने उक्त नोट की प्रति अदालत की सहायता कर रही वकील टैली बेदी को भी तीन दिन दी। अगली समीक्षा में वे इस रिपोर्ट का अध्ययन कर न्यायालय के सहयोग से करेंगे। पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था, लेकिन वह कमेटी मामले को सुलझा नहीं पाई। कोर्ट का सहयोग कर रही वकील इसके लिए दोषी अधिकारियों की भूमिका को कोर्ट में अगली सुनवाई पर ले जाएं।

28 आदर्श तक कार्रवाई कर रिपोर्ट भुगतान करने के आदेश

पंजाब सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि मोहाली के एसएसपी विवेचक सोनी, एसपी अमनदीप सिंह बराड़, डीएसपी गुरशेर सिंह संधू और सीआईए सीआरपीसी के इंस्पेक्टर शिव कुमार को नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया। को कहा था. कोर्ट को विश्वास हो गया कि 10 दिन के अंदर दोषी अधिकारी कार्रवाई करेंगे। अदालत को बताया गया कि इस मामले में जिन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उन्हें पब्लिक डीलिंग की पोस्ट से हटा दिया गया है। हाई कोर्ट ने केस की सुनवाई 28 पर सुनवाई करते हुए कार्रवाई रिपोर्ट में जमानत देने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल एडीजी जेल अरुण पाल ने कोर्ट को बताया कि जेलों को सुरक्षित दिशा में रखने का काम किया जा रहा है। उन्होंने जेल में वी कवच ​​जैमर लगाने को लेकर जवाब देने के लिए समय मांगा है। उच्च न्यायालय ने इसे स्वीकार कर लिया।

ये भी पढ़ें:लॉरेंस बिश्नोई की खट्टी-मीठी फिल्मों में हाई इनक्वायरी शामिल है
ये भी पढ़ें:लॉरेंस क्राइम से दूर रहने वालों को बनी रही शार्प स्टूडियो, कैसे बनी 700 सुपारी किलर
ये भी पढ़ें:जब काले हिरण की हत्या हुई थी तब 5 साल का बच्चा था लॉरेंस बिश्नोई-राम गोपाल वर्मा
ये भी पढ़ें:खालिस्तानियों का साथ दे रहा कनाडा बोला- लॉरेंस संग काम करते हैं भारतीय एजेंट

राजस्थान में हुआ था लॉरेंस का दूसरा इंटरव्यू

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट जेलों की सुरक्षा को लेकर स्मारक लेकर सुनवाई कर रहा था। इसी के बीच लॉरैंस के इंर्टेट्यू का मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा और जांच के आधार पर लारेंस बिश्नोई के एंकाउंट-गिरफ्तार लगा था। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को हाई पावर कमेटी की जांच का आदेश दिया था, लेकिन कई पेशी कमेटी कोर्ट में नहीं पहुंचे। इसके बाद हाई कोर्ट ने प्रबोध कुमार की एसआईटी को एसआईटी में पेश किया। एसआईटी ने ही खुलासा किया था कि लॉरेन्स का साक्षात्कार हार्ड सी.आई.ए. जब दूसरा विरोध राजस्थान में किया गया था, तब एक जांच की गई थी, जिसमें राजस्थान के वकील जनरल ने अदालत को बताया था। इसके बाद पंजाब में दर्ज हुई एफआईआर के सभी दस्तावेज और जानकारी राजस्थान सरकार को जारी की गई है।

(रिपोर्ट: मोनी देवी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *